Nbcindia24/Chhattisgarh/ जगदलपुर सदियों से बस्तर के आदिवासी उपलब्ध सीमित संसाधनों से जीने के आदि रहे हैं । यही वजह है कि उनकी तकनीकी क्षमता का कोई जवाब नहीं ।
अ पनी जरूरत का सामान वे अपने लिए बना व जुटा लेते हैं यही वजह है कि वे किसी से कोई गुहार नहीं लगाते ।
इसका एक उदाहरण है बीजापुर जिले के उल्लूर जैसे पिछड़े गांव में बना बारिश से बचाव के लिए बांस से बना छाता।
Nbcindia24
More Stories
CG: पीसीसी चीफ दीपक बैज का मोबाईल कांग्रेस दफ्तर से गायब, चोरी या जासूसी का प्लान.?
गरियाबंद ब्रेकिंग @ मलेरिया मरीजों को अस्पताल लेकर जा रही एंबुलेंस घंटों फंसी,आमामोरा के कुकरार में रहने वाले कमार जनजाति के 5 लोग मलेरिया से थे ग्रसित
प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित युवराज पांडेय के नेतृत्व में होने जा रहे रथ यात्रा महोत्सव में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल