गरियाबंद @ देवभोग तहसील के सेनमूड़ा गांव में स्थित विश्व प्रसिद्ध अलेक्जेंडराइड खदान के आसपास के भूखंडों में फिर से अवैध खुदाई शुरू हो गई है, सूचना मिलने पर तहसीलदार चितेश देवांगन मौके पर पहुंचे तो उन्हें ताजा खुदाई के कई प्रमाण मिले, खनन करने वाले हीरा माफिया चोरी छुपे खुदाई कर सुरंग बना दिए है, उसे दोबारा मिट्टी पाट कर खनन को छुपाने पुआल भी ढका गया है।
दरअसल 1987 में सहदेव नेताम की जमीन पर अल्कसेंडर हीरा मिलने की पुष्टि हुई, सहदेव के 12 डिसमिल जमीन को तार से घेर दिया गया,1990 में अविभाजित मध्यप्रदेश के माइनिंग कार्पोरेशन ने खदान पर कब्जा कर लिया, 1995 तक पूर्वेक्षण के नाम पर जमकर खुदाई भी हुई, 90 की दशक में वैध अवैध खनन जारी रहा, छग सरकार बनते ही खदान की सुरक्षा में सशस्त्र जवान लगाए गए, लेकिन 2010 में हटा दिया गया, जिसके बाद आस पास की जमीन में रुक रुक कर अवैध खुदाई जारी रहा, पायलीखंड के हीरा खदान के साथ एलेक्स खदान का मामला भी हाईकोर्ट में लंबित पड़ा हुआ है।
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