अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर प्रशासन सख्त आधा दर्जन अवैध परिवहन कर रहे हाइवा को किया जब्त

राहुल ठाकुर गरियाबंद @ धमतरी के रेत खदानों से अवैध परिवहन हो रहे 7 हाईवा को माइनिंग विभाग ने जप्त किया है, पर गरियाबंद के खदानों में चल रहे अवैध खुदाई पर कार्यवाही नहीं हुई, क्योंकि राजधानी के रेत माफिया का प्रभावशाली सिंडिकेट ने किया है एंट्री।गरियाबंद माइनिंग विभाग ने प्रशाशन की संयुक्त टीम के साथ मिल कर आज रेत का अवैध परिवहन कर रहे 7 हाईवा को जप्त किया है, जप्त में से 6 हाईवा धमतरी जिले में महानदी पर आने वाले मोहेरेंगा, परेवाडीह घाट से आ रहा था, वहीं गरियाबंद के तर्रा घाट से आ रहे 1 हाईवा भी कार्यवाही में शामिल है।

पीट पास लाने का अवसर दिया विभाग

कार्यवाही के बीच राजिम के चौबेबाधा मोड में रेत से भरे 9 हाईवा घंटो रुका हुआ था, इसमें से आधे से ज्यादा के पास पिट पास नहीं था, तो बाकी ओवर लोड थी, कहा जाता है, कि कार्यवाही से बचाने प्रभावशाली माफिया के इस वाहन को हाइवे में आने नहीं दिया गया था, उन्हें सिग्नल मिलते ही आने कहा गया था, इस बीच मामले की भनक कलेक्टर दीपक अग्रवाल को लगी तो उन्होंने संयुक्त टीम को इस लोकेशन पर भेज दिया, हैरानी की बात है, कि कार्यवाही के बजाए चालकों को पीट पास लाने वापस खदान भेजा गया, 12 घन मीटर के पिट पास में 14 से 16 घन मीटर की भी अफसरों ने अनदेखी कर अंततः सभी 9 हाईवा को बाईइज्जत जाने दे दिया।

गरियाबंद के खदानों में वीआईपी माफियाओं की एंट्री के बाद अवैध कारोबार का ग्राफ तेजी से बढ़ गया है, अवैध खदान में वाहन की लोडिंग व परिवहन रात 10 बजे से पहट 6 बजे तक चलता है, एक दिन में 100 से ज्यादा हाईवा रेत का अवैध परिवहन कर रायपुर, दुर्ग जिले के अलावा कवर्धा रूट होते एमपी तक की सप्लाई की जा रही है, जानिए कौन से घाट से कैसा संचालन हो रहा अवैध खदान।

1 तर्रा घाट

पैरी नदी का तर्रा घाट नेशनल हाइवे से ढाई किमी दूर पर स्थिति है, इसके संचालन स्थानीय राजनीति में दखल रखने वाले प्रभावी नेता के करीबी हैं, जो श्याम नगर, राजिम और रायपुर जिले के नवापारा में रहने वाले ट्रांसपोर्टर और खदान का मास्टरमाइंड साथ मिल कर चला रहे, रोजाना रात के 12 घंटे में 20 हाईवा 60 ट्रिप से ज्यादा खेप की सप्लाई कर रहा है, दो दिन पहले राजिम के मुख्य चौराहे पर अवैध कारोबार का नगर वासियों ने विरोध किया था, लेकिन राजनीति रसूख के चलते तर्रा घाट के माफिया फिर से कारोबार शुरू कर दिए।

2 बिडोरा घाट

यह घाट सुखा नदी में सरकड़ा पंचायत के अधीन आता है, खनिज विभाग के रिकॉर्ड में यह अनुबंधित खदान नहीं है, खदान राजिम के सक्रिय राजनीतिक सेंटर से संचालित हो रहा है, इतने पावर फूल लोग खदान का ऑपरेट कर रहे ऐसे में कार्यवाही के लिए माइनिंग विभाग की सांसे फुलने लगता है, पंचायत में दखल रखने वाले पुराने रेत कारोबारी भी इसमें शामिल है, यहां अभनपुर के राजस्थानी ठेकेदार से सेकेंड हैंड खरीदी किए 6 हाईवा, दो पोकलेन समेत दर्जन भर वाहन रेत परिवहन में लगा हुआ है, यहां का रेत राजधानी सप्लाई किया जा रहा है, यहां से निकलने वाली ज्यादातर वाहनों में लचकेरा भंडारण केंद्र का पिट पास होता है।

3 बोरिद घाट

यह घाट भी सरकडा पंचायत के अधीन आता है, इसे बिडोरा 2 के नाम से जाना जाता है, यह खदान सीधे सत्ता को संतुष्ट करने की नियत से चलाया जा रहा है, माफियाओं का सिंडिकेट सत्ता पावर को साधने इस खदान को पावर फूल नेता के लोगो को दिया हुआ है, 20 से ज्यादा हाईवा इस घाट से रात के अंधेरे में रेत परिवहन कर रहा है।

जिला खनिज अधिकारी फागूलाल नागेश ने कहा कि संयुक्त टिम के साथ मिलकर लगातार कार्यवाही किया जा रहा है, पिछले तीन चार दिनो में कई वाहन जप्त किए गए है, अवैध कारोबार रोकने अपने स्तर पर भरसक प्रयास कर रहे है।

Nbcindia24

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