सफलता की कहानी : किराना दुकान से लेकर ईट भटटा संचालन फिर ट्रक खरीदकर बनी लखपति

दंतेवाड़ा @ भारत सरकार की लखपति दीदी योजना महिलाओं के लिए एक खास तरह का स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम है। इसके जरिए लगभग तीन करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का उद्देश्य निश्चित किया गया। इस योजना के जरिए शासन महिलाओं को स्वरोजगार के विभिन्न क्षेत्र उपलब्ध कराकर उन्हें उनके आर्थिक सशक्तिकरण को एक टिकाऊ आधार देना चाहती है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने के लिए एक पहल की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को प्रति वर्ष कम से कम एक लाख रुपए कमाने में सक्षम बनाना है। इसके लिए मंत्रालय ने अगले दो वर्षों में 2.5 करोड़ ग्रामीण स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका सहायता प्रदान करने की योजना बनाई है।

इस कड़ी में दंतेवाड़ा विकासखंड ग्राम पंचायत भांसी से उजाला स्व सहायता समूह की पार्वती नाग ने भी इस सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। आमतौर पर निर्धन परिवार से संबंधित इस समूह की सभी महिलाएं गृहणी के रूप में जीवन यापन कर रही थी, जिन्हें बिहान योजना के माध्यम से जानकारी और प्रोत्साहन देने पर इन महिलाओं ने स्व सहायता समूह बनाने का फैसला लिया और सफलता की विकास यात्रा प्रारंभ करते हुए 10 महिला सदस्यों का उजाला महिला स्व सहायता समूह का गठन किया। इस तरह उजाला स्व सहायता समूह की सदस्य के रूप में पार्वती नाग का सामान्य गृहणी से सफल व्यवसायी बनने के सफर की शुरुआत हुई।

समुह गठन उपरांत पार्वती नाग अपना व्यक्तिगत व्यवसाय गतिविधि प्रारंभ करने के उद्देश्य से किराना दुकान भी खोला और समूह के माध्यम से सीमेंट ईट निर्माण कार्य भी प्रारम्भ कर दिया। किन्तु उसके उनके पास मुलधन नहीं था, जिससे वह गतिविधि प्रारंभ कर सके। तब समूह से बैंक लिंकेज के द्वारा 3 लाख का ऋण प्राप्त कर अपने किराना दुकान को व्यवस्थित करते हुए सीमेंट ईंट निर्माण कारोबार को भी आगे बढ़ाया। तत्पश्चात समूह के ऋण को ब्याज सहित वापस कर करते हुए पावती नाग यहीं पर नहीं रूकी। अपने व्यवसाय को विस्तार देते हुए उन्होंने ट्रक खरीदकर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय में कदम रखा।

जिसका संचालन उनके पति करते है। अपने वार्षिक आय के संबंध में पार्वती का कहना था कि कृषि वनोपज, किराना दुकान और ईंट निर्माण से उन्हें लगभग 1 लाख 66 हजार की आय हो रही है। चूंकि इसी वर्ष जून में ही उन्होंने ट्रक खरीदा है अतः इससे भी उनकी आमदनी में वृद्धि हुई है। ’’जहां चाह वहां राह’’ की उक्ति पार्वती नाग पर सटीक बैठती है अगर आज वे आर्थिक रूप से सशक्त और सफल है तो इसके पीछे एक ही कारण है जीवन को सकारात्मक दिशा देना और कुछ नया करने की चाह। परिस्थितियों को बेहतर करने की अदम्य उत्कंठा ने ही उन्हे लखपति दीदी बनाया है।

Nbcindia24

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