भाजपा का स्लोगन “हम ने बनाया है , हम ही संवारेंगे” कब होंगे पुरे..?

अनिल सुथार कुसुमकसा/  हम ने बनाया है , हम ही संवारेंगे का भाजपा का स्लोगन बालोद जिला के आदिवासी विकासखंड  डोंडी के ग्राम पंचायत कुसुमकसा में निर्मित दुग्ध प्रशितन केंद्र भवन व अंदर रखे कीमती  मशीनों का  लोकार्पण कराने पर उपयुक्त साबित  होगा,  लगभग 7 वर्ष पूर्व  भाजपा शासन काल में दुग्ध  प्रशीतन केंद्र का भवन का निर्माण   पूर्ण हो गया तथा  दुग्ध प्रशितन केंद्र के संचालन के लिए मशीनों की खरीदी की गई किंतु भाजपा शासन की सत्ता जाने के बाद कोंग्रेस शासन के पांच साल के अंदर  शासन प्रशासन कोई सुधी नही ली वर्तमान में पुनः,भाजपा के शासन आने पर गौपालको की उम्मीद जगी है की अब दुग्ध प्रशीतन् केंद्र चालू होगा जिसका लाभ  गौ पालकों को दुग्ध विक्रय करके मिलेगा

 

भाजपा  के पूर्व शासनकाल में  वर्ष 2016-17   में   डोंडी लोहारा विधानसभा  का चयनित विधायक  आदर्श ग्राम कुसुमकसा में बालोद जिला का प्रथम दूध डेयरी विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के  उदासीनता के चलते दुग्ध प्रशीतन केंद्र   कांग्रेस शासन के  पांच साल के कार्यकाल   में भी चालू नही हो पाया, दुग्ध प्रशीतन केंद्र के लिए लाखों रुपयों की लागत से बना भवन व लाखो रुपयों का उपकरण बेकार पड़ा है , जबकि  डोंडी लोहारा विधानसभा में 2013 ,2018 व 2023 के चुनाव में  कांग्रेस पार्टी के विधायक निर्वाचित हुए है जिसमे 2018 में कांग्रेस की सरकार में स्थानीय विधायक केबिनेट मंत्री होने के बाद भी    वर्ष 2016_17 में उनके द्वारा चयनित विधानसभा आदर्श ग्राम कुसुमकसा में निर्मित  दुग्ध प्रशीतन केंद्र  प्रारंभ नही हो पाया

जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत के अधिकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कितने सजग है विधायक आदर्श ग्राम योजना हेतु लगभग आठ वर्ष पूर्व  स्वीकृत दूध डेयरी का भवन निर्माण व उपकरण खरीदी के बाद भी संचालित नही हो पा रहा है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता बदलते ही अधिकारी भी पूर्व शासन  की योजनाओं के क्रियान्वयन पर कोई ध्यान नही दिए  जिसका खामियाजा  पशुपालको को भुगतना पड़ रहा  ,दूध प्रशीतन केंद्र चालू ना होने से अंचल के पशु पालकों को शहरों की ओर दूध बेचने जाना पड़ रहा है जहां दूध का समुचित दर नही मिलने से नुकसान उठाना पड़ रहा है ,लाखो रुपयो की लागत से निर्मित दुग्ध प्रशीतन भवन बन्द होने से चारो ओर घांस फूंस उग आए है लगभग चार  वर्ष पूर्व उक्त भवन का बाउंड्रीवाल हेतु  तार फिनिसिंग व लोहे कर गेट निर्माण में लगभग एक लाख रुपये खर्च किया गया

   2013 में छत्तीसगढ़ में भाजपा के सत्ता वापसी के बाद
भाजपा शासनकाल में विधायको द्वारा चयनित आदर्श ग्राम में विकास की कड़ी के तहत बालोद जिला में डोंडी लोहारा विधानसभा में  डोंडी विकासखण्ड के ग्राम  कुसुमकसा का चयन किया गया था किंतु राजनैतिक दांव पेंच के चलते तदसमय काँग्रेस पार्टी के विधायक  होने के कारण विकास तो नही हुआ था जिसका ज्वलन्त उदाहरण बालोद जिला में प्रथम दूध प्रशीतन केंद्र  डोंडी लोहारा विधानसभा के विधायक आदर्श ग्राम कुसुमकसा में स्वीकृत हुआ था व दूध प्रशीतन केंद्र भवन व मशीनों के लिए लगभग 17 लाख की स्वीकृति मिली थी , तदसमय  ग्रामीण पशु पालकों की समिति का गठन कर दूध डेयरी किराए के मकान में संचालित होने लगी थी ,कुसुमकसा सहित समीपस्थ ग्रामो के पशु पालक दूध लेकर दूध डेयरी लाने लगे थे ,प्रतिदिन सुबह 70 से 80 लीटर दूध पशु पालक दूध डेयरी में बिक्री कर जाते थे जहां से देवभोग दुग्ध प्रशीतन केंद्र अर्जुन्दा वालो की वाहन में संग्रहित  दूध को ले जाया जाता था ,मिली जानकारी के अनुसार पशु पालकों को 15 दिन में  बिक्री किये दूध का भुगतान मिलता था ,समिति के द्वारा दूध प्रशीतन केंद्र भवन व उपकरणों की मांग किये जाने पर उक्त भवन निर्माण व उपकरण की हेतु राशि स्वीकृत हुई थी , किराए के मकान में व बिना उपकरण के लगभग तीन वर्ष तक समिति के माध्यम से दूध खरीदी होती रही , फिर दूध का आवक कम होने व नवनिर्मित  भवन बनने व उपकरण आने के बाद समिति को भवन हस्तांतरित नही होने से समिति के सदस्यों से समिति भंग कर दी थी जिसके बाद से पशुपालन करने वालो को दूध बेचने के लिए शहर की ओर दौड़ना पड़ा था साधन के अभाव में दूध को कम कीमत में  बिक्री कर आमदनी   ना होने से अनेक गौपालक ने दूध का व्यापार बन्द कर दिया ,

 

छत्तीसगढ़ की पूर्व कांग्रेस सरकार में  शासन प्रशासन पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए नित नयी नयी योजनाओं लायी और उक्त शासन के पांच साल का कार्यकाल पूर्ण हो गया और पशु पालकों के दूध विक्रय के लिए कुसुमकसा में निर्मित दुग्ध प्रशीतन केंद्र का शुभारंभ नही हो पाया है वही उसी समय जिला मुख्यालय में स्वीकृत  हो संचालित दूध गंगा डेयरी अपना कारोबार कर रही है तो कुसुमकसा के दूध प्रशीतन केंद्र को सात साल बाद भी  चालू करने में शासन प्रशासन की नाकामी नजर आ रही है

मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के द्वारा दूध प्रशीतन केंद्र भवन का निर्माण ठेकेदार के द्वारा करा दिया गया तो  वही दूध डेयरी में लगने वाले फ्रीजर व अन्य उपकरणों की सप्लाई भी कर दी गयी जो कि नवनिर्मित भवन के अंदर रखा गया है ,उपकरण  की सप्लाई किनके द्वारा व कौन कौन से उपकरण है  इसकी जानकारी नही मिल पाई है ,भवन निर्माण होने के बाद आज तक उसमे दूध डेयरी संचालित नही हो पाई है और ना ही भवन में रखे उपकरण किस हालात में व कौन कौन से उपकरण है उसपर किसी का ध्यान गया है ,विगत वर्षो से भवन का ताला ही नही खोला गया

 

योगेंद्र सिन्हा ” गांधी”

योगेंद्र सिन्हा ” गांधी”  मंत्री  भारतीय जनता पार्टी डोंडी मंडल ने बताया की सात वर्ष पूर्व   भाजपा शासन काल में  विधायक आदर्श  ग्राम में दुग्ध प्रशीतन केंद्र का भवन का निर्माण व उपकरण की स्वीकृति प्रदाय की गई थी भवन निर्माण भी हुआ उपकरण की खरीदी भी की गई  ,किंतु उसके बाद कांग्रेस के पांच साल के शासन काल में लोकार्पण कराने में नाकाम रहे ,उक्त दुग्ध प्रशीतन केंद्र को जल्द प्रारंभ कराने छत्तीसगढ़  के उप मुख्यमंत्री,गृह मंत्री व   बालोद जिला के प्रभारी मंत्री को अवगत कराने की बात कही ,दुग्ध प्रशीतन केंद्र खुलने से कुसुमकसा  सहित समीपस्थ ग्रामीण अंचल के गौ पालकों को फायदा मिलेगा

डी के सिहारे डिप्टी डायरेक्टर पशु पालन विभाग बालोद ने  बताया कि दुग्ध प्रशीतन केंद्र का संचालन दुग्ध महासंघ रायपुर  (छत्तीसगढ़ ) के  ,देवभोग दुग्ध सहकारी समिति के माध्यम से संचालित होती है ,पशु पालकों के दुग्ध डेयरी  संचालन समिति का गठन भी उनके द्वारा कराया जाता है ,  पशु पालन विभाग  पशु पालकों के पंजीयन कराने में सहयोग करती है, साथ ही दुग्ध प्रशीतन केंद्र चालू ना होने के सम्बंध में पता करने की बात कही

Nbcindia24

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