भ्रष्टाचार की जड़ें इतना मजबूत की सड़क हो गई कमजोर..? कार्रवाई की उम्मीद..?

अजय अग्रवाल डौंडी/ बालोद जिला के डौंडी ब्लॉक मुख्यालय से घोटिया होते हुए जिला मुख्यालय को जोड़ने हेतु पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा पिछले वर्ष पूर्ण की गई सड़क में हुए भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण की पोल इस सीजन की पहली बारिश में खुल गई।

बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण डौंडी से झलमला तक की बनी लगभग 40 किलोमीटर की सड़क में जगह जगह गड्ढे हो गए है। उकारी नाला पर बनाए गए पुल के एक किनारे की पूरी सड़क दब गई जिसे भरने के लिए सिर्फ गिट्टी डाल दी गई, जिसके कारण आए दिन दोपहिया वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे है विभाग सहित ठेकेदार को कोसते देखे जा रहे है।

इस सड़क से रोजाना गुजरने वाले दुखू राम, बैतल साहू, राजा राम, सुमित्रा बाई, लता बाई, राजेश्वरी साहू ने बताया कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के विकास, अंदरूनी और वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों को ब्लॉक सहित जिले तक आने जाने की सुविधा हेतु शासन द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से इस सड़क का निर्माण करवाया गया था किंतु ब्लॉक सहित जिले में फैले भ्रष्टाचार के जाल में जकड़े हुए अधिकारियों और ठेकेदार के द्वारा निम्न स्तर की सड़क का निर्माण कर अपनी जेबें भरने का काम किया है।

घोटीया सरपंच ममता मंडावी का कहना है कि एक साल से भी कम समय में जहां एक ओर सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे हो गए है वहीं उकारी नाला पर बने पुल के किनारें पर बनाई गई रिटर्निंग वाल में बड़ी दरारें आ गई है और आने वाले समय में गिर सकता है। इस मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को इसी बात का डर सताता है कि पीडब्ल्यूडी विभाग और ठेकेदार की लापरवाही के कारण इस सड़क पर कभी कोई बड़ी दुर्घटना ना घट जाए और कोई काल के गाल में न समा जाए।

पूर्व जनपद सदस्य अनिल सुथार ने कहा कि डौंडी से झलमला जाने वाली इस सड़क को सही तरीके से बनाया गया होता तो आज ये नौबत आती ही नहीं, अभी तो पूरा बारिश का मौसम बचा है, पंद्रह दिन की बारिश में ये हाल है तो पूरा बारिश का मौसम बीतने तक तो ये सड़क पूरी तरह से उखड़ जाएगी ऐसा प्रतीत होता है। इस सड़क पर बने गढ्ढों में विभाग द्वारा गिट्टी के साथ साथ डामर भी डाला गया होता तो दोपहिया चालकों को परेशानी नहीं होती और दुर्घटना के शिकार नही होते।

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