छत्तीसगढ़ के कोयला खदान में एसईसीएल की कुसमुंडा मेगा प्रोजेक्ट में शनिवार की शाम भारी वर्षा के दौरान खदान में कार्यरत 6 लोग पानी के बहाव में फंस गए। इनमें से 5 लोग सुरक्षित रूप से निकलने में सफल रहे लेकिन जितेंद्र नागरकर, सहायक प्रबन्धक (माइनिंग) पैर फिसलने के कारण पानी के बहाव में बह गए। इस हादसे के बाद वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। बचाव दल ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रात भर की जद्दोजहद के बाद रविवार सुबह जितेंद्र नागरकर का शव बरामद किया गया।
एस ई सी एल की कुसमुंडा कोयला खदान के ओव्हर बर्डन का काम गोदावरी नामक निजी कंपनी को दिया गया है। बारिश में ओव्हर बर्डन का काम निरीक्षण के लिए चार अधिकारी शनिवार 27 जुलाई की दोपहर करीब 3 बजे गोदावरी फेस पर गए थे। इनमें सीनियर अंडर मैनेजर के पद पर पदस्थ गोदावरी फेस इंचार्ज जितेन्द्र नागरकर भी शामिल थे। निरीक्षण के दौरान एकाएक बारिश शुरू हो गई तो इससे बचने के लिए चारों अधिकारी गुमटी में चले गए। करीब 5 बजे तक यहां वे रुके रहे लेकिन बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी। इस बीच चारों अधिकारियों ने किसी तरह यहां से निकलने की सोची। तब तक तेज बारिश के कारण खदान क्षेत्र में ऊपरी पानी का बहाव और दबाव बढने लगा था। खदान के ओल्ड केट फेस में भारी पानी आने की वजह से मिट्टी बहने लगी। इधर किनारे-किनारे चट्टानों का सहारा लेकर निकलने की जुगत में 2 अधिकारी तो सकुशल वहां से बाहर आ गए लेकिन जितेन्द्र नागरकर व एक अन्य अधिकारी बहने लगे। एक अधिकारी ने तो किसी तरह चट्टान को पकडक़र अपनी जान बचा ली लेकिन जितेंद्र नागरकर पानी और मिट्टी के बहाव में तेजी से बह गए।
बाहर निकले अफसरों से सूचना मिलने पर एसईसीएल के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रशासन व पुलिस के अफसरों को भी जानकारी दी गई। एसडीआरएफ की टीम बिलासपुर से बुलाई गई और बहे अधिकारी जितेंद्र नागरकर की तलाश की जाने लगी। पूरी रात की गई तलाश के बाद आज सुबह मृतक का शव बरामद किया गया।
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