गरियाबंद से राहुल ठाकुर की रिपोर्ट @ जिले के भूंजिया जनजाति निवास करने वाले प्रदेश का दूसरा बड़ा जिला है, यहां 7399 भूंजिया परिवार में 30 हजार लोग रहते हैं,इनके लाल बंगला देश विदेशों में मशहूर हैं, लाल बंगला घांस फूस और कच्ची मिट्टी से बना एक पवित्र झोपड़ी होता है, जहां भूजिया परिवार अपना भोजन पकाने और पूजन का काम करता है, बंगले की पवित्रता हर हाल में बनी रहे इसका पूरा ख्याल रखा जाता है।
बता दे कि मासिक धर्म के समय यहां महिलाएं प्रवेश नहीं करती, शेष दिनों में सुबह के स्नान के बाद बंगले की सफाई पूजन से दिनचर्या की शुरुआत होती है, मान्यता है, कि वनवास काल में प्रभु श्री राम इसी तरह पवित्र झोपड़ी में रहते थे, तब से इसे प्रत्येक वनवासी एक दिव्य सुरक्षित ठिकाना मानता है, वनों के वन्य प्राणियों के हमले हो या कोई आपदा मान्यता है, कि यही दिव्य झोपड़ी इनकी रक्षा करता है, तब से हर पृथक परिवार अपने सुरक्षित जीवन के लिए एक लाल बंगले का निर्माण करता ही है, ग्रामीणों बताते हैं, कि हाथियों के हमले से कई घर उजड़ गए पर लाल बंगला को हाथी भी नुकसान नहीं पहुंचाता है।
पिछले दो साल में जिले में भूंजिया जनजाति के लिए 2000 से भी ज्यादा नए पक्के आवास जनमन के तहत बनाए गए, लेकिन भूंजिया उन आवासों के अलावा लाल बंगले का इस्तेमाल अब भी करते आ रहे है, समय समय प्रशासन आदिवासी संस्कृति से जुड़े इस पुरातन धरोहर को सहजने में मदद भी करती है।
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