CHHATTISGARH/ बालोद जिला के डौण्डी विकासखंड स्थित ग्राम कुसुमकसा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत 74 जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया जहाँ क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी विवाह के साक्षी बने विवाह का संपूर्ण आयोजन हिंदू रीति रिवाज और मंत्र उच्चारण के साथ संपन्न हुआ
कहते हैं कि भगवान इंसान के जन्म लेने से पहले उनकी किस्मत की रेखा लिख जीवनसाथी भी तैयकर भेजते है हिंदू धर्म में विवाह से कई तरह की रस्में और रीति-रिवाज जुड़ी हुई हैं माना जाता है कि शादी में 7 वचन लेने का अत्यधिक महत्व होता है अग्नि को साक्षी को मानकर लिए वचन दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने के लिए जाते हैं. कहते हैं कि स्वयं देवी-देवता नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देते हैं मान्यतानुसार वैवाहिक जीवन की नींव रखते 7 फेरों के साथ दुल्हा-दुल्हन का लिया हुआ 7 वचन सात जन्मों के लिए होता है
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