राजेन्द्र बाजपेयी जगदलपुर/ बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क में पाया गया दुर्लभ प्रजाति का चमगादड़ जिसका वैज्ञानिक नाम केरिवोला पेक्टा है कांगेर वेली नेशनल पार्क में चमगादड़ की एक नई प्रजाति मिली है, जो यहां के स्टाफ के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है यह बेहद अनोखा चमगादड़ न पूरे काले रंग का न होकर नारंगी और काले रंग का है इस चमगादड़ को देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी कलाकार ने बेहद बारीकी से अपनी कारीगरी दिखाते हुए उस पर पेंट कर दिया हो, इसका खूबसूरत रंग देखकर चमगादड़ो के विषय में फैली सभी नेगेटिव बातेँ बेमानी लगती हैं।
इन दिनों रंग बिरंगा ये चमगादड़ चर्चा में है। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार रंग बिरंगी प्रजाति के इस बैट को पेटेंड बैट के नाम से भी जाना जाता है, इसका वैज्ञानिक नाम “केरीवोला पिक्टा” है।
बताया जाता है कि ये ज्यादातर सूखे इलाकों या ट्री हाउस में पाए जाते हैं, इनका वजन मात्र 5 ग्राम होता है।
38 दांतों वाला यह चमगादड़ सिर्फ कीड़े मकोड़े खाता है, चमगादड़ो की यह प्रजाति भारत और चीन समेत कुछ एशियाई राज्यो में मिलती है।
भारत की बात करें तो सबसे पहले इसे साल 2019 में केरल में देखा गया था, जिसके बाद साल 2020 में इसे उड़ीसा में देखा गया, उसके बाद पहली बार इसे बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क में देखा गया है, चमगादड़ की दूसरी प्रजातियों के मुकाबले यह पेटेंड बैट बेहद खूबसूरत दिखता है. अधिकांश अन्य चमगादड़ों की तरह पेंटेड बैट भी देर शाम को निकलता है और सक्रिय रहता है क्योंकि जब अंधेरा हो जाता है तब इकोलोकेशन का उपयोग करके यह कीड़ों के लिए शिकार करता है।
नेशनल पार्क में दिखने वाले दुर्लभ प्रजाति के इस चमगादड़ का दिखना पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है ।
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