आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर स्थापना का 133 वर्ष हुए पूरे, मंदिर प्रांगण में भक्तों का लगा ताता

राजेन्द्र बाजपेयी जगदलपुर/बस्तर के जन जन की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की स्थापना के 133 वर्ष पूरे होने पर मन्दिर प्रांगण में भक्तों का लगा तांता चालुक्य वंश के काकतीय राजाओं ने जब बस्तर में अपनी सत्ता स्थापित की तब उन्होंने अपनी कुलदेवी मणिकेश्वरी को साथ लाये जो कालान्तर में देवी माँ दंतेश्वरी के रूप में जन सामान्य पूजनीय देवी बनीं ।
बस्तर वैसे भी आदिकाल से शक्ति उपासना का केंद्र रहा है ।यहां का कोई भी छोटा बड़ा त्योहार माईजी के आशीर्वाद से ही शुरू होता आया है दन्तेश्वरी के मंदिर का निर्माण राजा रुद्रप्रताप देव् ने 1890 में करवाया । देवी की प्रतिमा सफेद संगमरमर के पत्थर से बनी है । इसकी छत बड़ी मोती लकड़ियों के स्तम्भों पर टिकी है । इन स्तम्भों में सुंदर नक्काशी तब उड़ीसा के कारीगरों द्वारा की गई थी आज उनके स्थापना के 133 वें वर्ष के अवसर पर मन्दिर में मां का आशीर्वाद लेने भक्तों का तांता लगा रहा शहरवासियों के लिए महा भंडारा का आयोजन भी किया गया. दान पुण्य के महापर्व मकर संक्रांति में लोग देवी दर्शन करने दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे… जंहा माता के मंदिर के 133 वे स्थापना दिवस पर बस्तर और प्रदेश के लिए सुख शांति की कामना की गई इसके शताब्दि वर्ष से प्रारम्भ भंडारा अनवरत हर साल होता आ रहा है आज भी भंडारे में भक्तों ने माई जी का प्रसाद ग्रहण किया

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