आज नाग पंचमी पर सपेरों की अनसुनी कहानी, पूर्वजों से चली आ रही परंपरा को निभाने की जिम्मेदारी या मजबूरी…?

छत्तीसगढ़/आज नाग पंचमी है और हम आपको एक ऐसे बस्ती के बारे में बतलाने जा रहे हैं जो सपेरों की बस्ती है आमतौर पर लोग सर्प देख डर जाते हैं लेकिन यहां क्या बड़े और बुजुर्ग बच्चे भी सांपों से ऐसे खेलते हैं जैसे वो किसी खिलौने से खेल रहे हो लेकिन विडंबना ऐसी कि सरकारी सिस्टम के भंवर में फस इनके बच्चे आठवीं के बाद आगे की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते

 

छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत सिवनी जिन्हें सपेरों के बस्ती के नाम से भी जाना जाता है इस गांव में सपेरों की लगभग 17 घरों में 100 की जनसंख्या है जो एक क्षेत्रफल में बने घेरे(बाउंड्री) के अंदर अपना घर बनाकर रहते हैं

सुखपाल नेताम सपेरा बताते हैं कि
सांप पकड़ने का काम इनके परिवार में कई पीढ़ी से करते आ रहे ये लोग बुढ़ा देव को भगवान भोलेनाथ (शिव शंकर) के रूप में मानते आ रहे आज नाग पंचमी का दिन सपेरों के लिए विशेष महत्व रखता है इस दिन को विशेष पर्व के रूप में मना सपेरे अपने पूरे परिवार के साथ विधि विधान से सर्पों की पूजा अर्चना करते और ऋषि पंचमी के को जंगल में छोड़ आते हैं।

सपेरे विभिन्न प्रजाति के जहरीले सर्प को अलग-अलग टोकरी में रख साल के 3 माह शहर और गांव में लोगो के घर-घर जाकर दिखाते हैं जिन पर लोग अपनी श्रद्धा के फूल और कुछ पैसे व चावल चढ़ाते है जिससे इनके परिवार में जीवन यापन के लिए कुछ मदद मिलता है हालांकि रोजी मजदूरी करने के बाद ही परिवार का गुजारा हो पाता है

गांव हो या शहर किसी के घर में सर्प घुस आने पर लोग इन्हें सर्प पकड़ने बुलाते हैं जो कितना ही जहरीला सर्प क्यों ना हो उसे पकड़ कर अपने साथ ले आते हैं और पूजा अर्चना करने के बाद उसे जंगल में छोड़ आते हैं।

सपेरा प्रहलाद नेताम के अनुसार इनके बच्चे आठवीं के बाद आगे की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते क्योंकि आगे की शिक्षा के लिए जाति प्रमाण पत्र लगता है जिन्हें बनाने 50 साल का रिकॉर्ड मांगा जाता है इनके पूर्वज घुमंतू रहे जो कई क्षेत्र में जाकर सांपों को दिखला जीवन यापन करते थे वही इनकी माने तो यह लोग इस जगह पर लगभग 40 साल से रह रहे बावजूद इसके इनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे जिसके चलते इनके बच्चे भी अपने परिवार की वर्षों पुरानी परंपरा सपेरों के कार्य करने को मजबूर हो जाते हैं।

 

बाहरहाल सपेरों के सामने आ रही जाति प्रमाण पत्र की समस्या को लेकर Nbcindia24द्वारा जिले के कलेक्टर गौरव कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने अधिकारियों को गांव भेज किन कारणों से जाति प्रमाण पत्र बनाने में समस्या है उसे पता कर जल्द ही समस्या को दूर करने का भरोसा दिया है।

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