मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो सपनों की उड़ान भरने से आपको कोई नहीं रोक सकता।

Nbcindia24/balod/ विषम परिस्थितियों में खेल बालोद जिले के छोटे से गांव की दो बेटियों ने इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम करने में सफलता प्राप्त की है।

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कहते हैं गरीबी और परिस्थिति पर कभी काबिलियत कमजोर नहीं हो सकती कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ बालोद जिले के वनांचल क्षेत्र डौंडी ब्लाक स्थित जिले के अंतिम छोर में बसा एक छोटा सा गांव पुसावाड़ में देखने को मिला जहां गांव की तीन बेटियों ने पांचवी इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप में भाग लेने विशाखापट्टनम गई जिसमें दो बेटियां अलग-अलग एज व वेट डिफरेंस में खेल कु. ज्योति व कु. राधिका हिड़को ने एक-एक सिल्वर मेडल अपने नाम करने में सफलता मिली।

कु. ज्योति के पिता ने लोगों से कर्ज लेकर तो वही कु. राधिका हिड़को के पिता चलने में असमर्थ होने व आर्थिक रूप सक्षम नही होने पर समाज व अन्य लोगों ने आर्थिक सहयोग कर बेटी की सपनों में उड़ान भरने विशाखापट्टनम भेजा जहां दोनों बेटियों ने परिवार और लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर एक-एक सिल्वर मेडल अपने नाम कर बतला दी बेटी हूं लड़ सकती हूं।

 

राधिका, दीप्ति साहू, ज्योति

बेटियों की उपलब्धि पर जहां गांव की सरपंच ईश्वरी गोढरा व लोग गौरवान्वित है तो वही कम उम्र में ही लगभग डेढ़ सौ बेटियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही दो इंटरनेशनल गोल्ड मेडलिस्ट व इन दोनों बेटियों की कोच दीप्ति साहू अपने शिष्य की उपलब्धि पर गौरवान्वित महसूस कर बेटियों को बधाई दे रही।

जरूरत है की शासन-प्रशासन जमीनी स्तर पर काम कर जिले के कोने कोने में छुपे प्रतिभा को सामने ला उनका सर्वे करा उन्हें हर वे सुविधा उपलब्ध कराएं जिसकी उन्हें जरूरत है ताकि हर कोई प्रतिभावान अपने सपनों की उठान भर प्रदर्शन कर सकें।

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