nbcindia24/वीरेन्द्र भारद्वाज/दल्लीराजहरा । लौह अयस्क खान समूह राजहरा मे कार्यरत ठेका श्रमिकों ने दासा सहित विभिन्न मांगो को लेकर 7 जनवरी से अनिश्तकालीन हड़ताल प्रारंभ की थी ।हडताल के पहले ही दिन खदानों का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होने से प्रबंधन के हाथ पैर फूल गये और आनन फानन में भिलाई प्रबंधन ने सीटू व सीएमएसएस यूनियन के साथ भिलाई मे आठ घंटे की मैराथन बैठक कर मजदूरों की मांगो को मानते हुए लिखित समझौता किया । उसके बाद रात 12:00 बजे हड़ताल समाप्त हुई।
उल्लेखनीय है कि नियमित एवं ठेका श्रमिकों के लिए दासा की मांग को लेकर खदान की पांचों यूनियनों ने प्रबंधन को 7 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए नोटिस दिया था। खदान के समस्त नियमित एवं ठेका कर्मचारी प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीत से बेहद आक्रोशित थे एवं हड़ताल करने के लिए पूरी तरह तैयार थे । लेकिन इसी बीच 6 जनवरी को तीन यूनियनों इंटक एटक एवं बीएमएस ने प्रबंधन के साथ बैठक कर एक समझौता कर हड़ताल स्थगित करने की घोषणा कर दी।
इस बैठक में सीटू और सीएमएसएस यूनियन को नहीं बुलाया गया था। तीन यूनियनों द्वारा किए गए समझौते में जहां नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले 10% दासा को कम कर 8% कर दिया गया वही ठेका मजदूरों के लिए स्पष्ट रूप से कुछ भी हासिल नहीं हुआ, जिससे आक्रोशित ठेका श्रमिक सीटू व सीएमएसएस यूनियन के नेतृत्व में 7 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले गए । सुबह 6:00 बजे से ही विभिन्न खदानों के मुख्य द्वारों पर ठेका श्रमिकों का बड़े पैमाने पर जमावड़ा हुआ तथा नियमित कर्मियो ने भी हड़ताल को समर्थन दिया । जिससे खदानों में उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ ।आक्रोशित ठेका श्रमिकों ने प्रबंधन और उनके हितों को नजर अंदाज करने वाले यूनियनों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। खदानों में उत्पादन ठप हो जाने की स्थिति में प्रबंधन ने आनन-फानन में सीटू एवं सीएमएसएस यूनियन के प्रतिनिधियों को भिलाई बुलाकर एक लंबी बैठक की इस बैठक में दोनों ही यूनियनों ने प्रबंधन के रवैए की तीखी आलोचना की और कहा कि प्रबंधन की फूट डालो राज करो की नीति किसी भी हाल में सफल नहीं होगी । मजदूर अपने वाजिब हक को हर हाल में हासिल करेंगे । प्रबंधन ने सीटू और सीएमएसएस की नाराजगी पर सफाई पेश करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा । यूनियनों द्वारा दिए गए मांग पत्र पर लगभग 8 घंटे तक विस्तृत चर्चा के बाद प्रबंधन ने मजदूरों की मांगों को स्वीकार करते हुए यूनियन के साथ एक समझौता किया । जिसमें ठेका मजदूरों के लिए दासा के स्थान पर उनके तमाम भत्तों को समाहित कर हुए उनके वेतन का 25% खदान भत्ता के रूप में देने की मांग यूनियन ने रखी, जिस पर प्रबंधन ने सैद्धांतिक सहमति देते हुए कहा कि भत्तों के लिए बनाई गई कमेटी में यूनियन की मांग को ध्यान में रखते हुए 15 जनवरी तक कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को अनुमोदन पश्चात 1 अप्रैल 2022 से लागू कर दिया जाएगा । जिन ठेकों में में नाइट शिफ्ट एलाउंस नहीं दिया जा रहा है उन ठेकों में भी एक अप्रैल 2022 से ठेका श्रमिकों को नाइट शिफ्ट एलाउंस दिया जाएगा । ठेका श्रमिकों को परिवार सहित चिकित्सा सुविधा देने की मांग को स्वीकार करते हुए यह सहमति बनी की खदान के समस्त ठेका श्रमिकों को उनके परिवार सहित 1 अप्रैल 2022 से निशुल्क चिकित्सा सुविधा लागू कर दी जाएगी । सभी ठेकों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को भी नियमित कर्मियों की तरह राष्ट्रीय अवकाश अधिसूचित अवकाश, व चुनावों के लिए अतिरिक्त वेतन संबंधित सर्कुलर जारी किए जाने पर भी सहमति बनी ,जिसे जनवरी 2022 से ही लागू कर दिया जाएगा। इस प्रकार खदान के ठेका श्रमिकों ने सीटू व सीएमएसएस यूनियन के नेतृत्व में हड़ताल के माध्यम से एक बड़ी जीत हासिल की तथा उनके हितों के विरुद्ध काम करने वालों को आईना दिखाया । उक्त समझौता बैठक में सीएमएसएस से गणेशराम चौधरी, दुर्गा प्रसाद, सोमनाथ उइके, शरद,सुमन व सीटू से प्रकाश सिंह क्षत्रिय, ज्ञानेंद्र सिंह, विनोद मिश्रा, सुजीत मुखर्जी, तथा प्रबंधन की ओर से ईडी माइंस मानस विश्वास, ईडी पीएण्डए यू के झा, सीजीएम माइंस तपन सूत्रधर,सीजीएम पर्सनल श्रीमती निशा सोनी, जीएम पर्सनल एसके सोनी, उपस्थित रहे ।
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