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राज्योत्सव 2021 में जिले के आदिवासी एवं परम्परागत वनवासियों को 10 हज़ार हेक्टेयर से भी ज्यादा रकबे के व्यक्तिगत और सामुदायिक वन संसाधन के मिले 671 वनाधिकार पट्टे

 

शासन की मंशानुरूप आदिवासी जनता के जीवन में आर्थिक उन्नति के लिए कलेक्टर श्री धावड़े के विशेष प्रयासों से बड़ी संख्या में पट्टों का हुआ अनुमोदन

 

143 वनाधिकार पट्टा धारकों को मनरेगा के तहत सामुदायिक कार्य हेतु 1 करोड़ 63 लाख रुपये से अधिक राशि की मिली प्रशासकीय स्वीकृत

 

Nbcindia24/ मोहम्मद जावेद सिद्दीकी कोरिया/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शासन द्वारा आदिवासियों एवं अन्य परंपरागत वनवासियों को जंगल पर उनके अधिकारों को मान्यता देने के लिए वन अधिकारों की मान्यता नियम 2006 एवं 2007 यथा संशोधित नियम 2012 के तहत वनाधिकार पट्टे दिए जा रहे हैं।राज्योत्सव 2021 आदिवासी अंचल कोरिया में आदिवासी एवं परम्परागत वनवासियों को भूमिस्वामी का अधिकार दिलाने के लिए समर्पित रहा। जनजातीय एवं परम्परागत वन निवासियों के जीवन में आर्थिक उन्नति लाने के लिए समारोह में 671 व्यक्तिगत और सामुदायिक वन संसाधन दावों में 10 हज़ार हेक्टेयर से ज्यादा रकबे का व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया। मुख्य अतिथि सविप्रा उपाध्यक्ष एवं भरतपुर सोनहत विधायक श्री गुलाब कमरो के हाथों पट्टा वितरण किया गया।

राज्य शासन की मंशानुरूप कार्य करते हुए कलेक्टर श्री श्याम धावड़े के मार्गदर्शन में जिले में इतनी बड़ी संख्या में जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा वनाधिकार पट्टों का अनुमोदन किया गया और आदिवासी जनता को उनकी काबिज भूमि पर भूमिस्वामी का अधिकार मिल सका।
बता दें कि वितरण किये गए वनाधिकार पट्टों में 420 व्यक्तिगत दावों में 361.76 हेक्टेयर रकबे के पट्टे वितरित किये गए। इसी तरह 251 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार दावों में ग्राम पंचायत स्तर पर 10 हज़ार 191 हेक्टेयर रकबे का अनुमोदन और पट्टा वितरण किया गया। सामुदायिक वन संसाधन अधिकार दावों में चारागाह, देवगुड़ी, लघु वनोपज संग्रहण, मत्स्य एवं जलाशय उत्पाद जैसे कार्यों के लिए पट्टा वितरण किया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 13 दिसम्बर 2005 से पहले वन क्षेत्र में काबिज वनवासियों को वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत लाभ दिया जा रहा है। इसमें वनक्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीणों को शासन द्वारा व्यक्तिगत और सामुदायिक पत्र का वितरण किया जा रहा है।

इसके साथ ही कोरिया जिले में मनेन्द्रगढ़, खड़गवां और बैकुंठपुर के 143 वनाधिकार पट्टा धारकों को ग्राम पंचायत स्तर पर उनकी भूमि पर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य कराने की प्रशासकीय स्वीकृति भी दी गयी है। मनरेगा के अंतर्गत डबरी निर्माण, मेड़ बंधान और भूमि समतलीकरण के कार्यो के लिए 1 करोड़ 63 लाख रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। वनाधिकार पट्टे के माध्यम से भूमिस्वामी का हक मिलने से आदिवासी परिवारों के पास आय के लिए विभिन्न स्त्रोत उपलब्ध हो गए हैं। यह योजना उनके आर्थिक समृद्धि का आधार भी बन गयी है। वनाधिकार मान्यता अधिनियम से जहां वनवासियों, चाहे वह जनजाति कोई भी हो, को भूमि स्वामी का हक मिल रहा है, वही जमीन का पट्टा मिलने से शासन की योजनाओं का लाभ मिलने में भी आसानी हो रही है।

Nbcindia24

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