राहुल ठाकुर गरियाबंद @ जिले के मैनपुर विकासखंड में एक बड़ा मामला सामने आया है, यहां सरस्वती साइकिल योजना के तहत छात्राओं को दी जाने वाली साइकिलें बारिश में खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई मिलीं।हालात ऐसे कि जिन बेटियों को साइकिल का तोहफा मिलना था, उनके सपनों की सवारी पहले ही जंग खा रही थी।

मामला सामने आने के बाद आनन-फानन में साइकिलों के पार्ट्स को स्कूल के कमरों में शिफ्ट किया गया, लेकिन हकीकत यह है, कि जिन कमरों में पार्ट्स रखे गए, नतीजा पार्ट्स पहले से भीगे हुए थे, और कई जगह जंग भी लग चुका है, मैनपुर ब्लॉक के 30 स्कूलों की 1036 छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलना है, इसके लिए हायर सेकेंडरी स्कूल मैदान में साइकिलों के पार्ट्स उतारे गए थे, लेकिन समय रहते सुरक्षित व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया, मामला को तुल पकड़ता देख विभाग ने तेजी से साइकिलों को असेंबल करना शुरू कर दिया, पिकअप वाहनों में 100-150 की संख्या में साइकिलें एक के ऊपर एक लाद कर रवाना की गई।

जब इस पूरे मामले पर मैनपुर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी महेश पटेल से बात की गई तो उनका कहना था, सितंबर माह में सामान्यतः बारिश नहीं होती है, हर साल इसी तरह साइकिल आती है, और खुले मैदान में रखी जाती है, इस बार अचानक बारिश आ गई, इसलिए ऐसी स्थिति बनी, अब सवाल यह है, कि जब योजना बच्चों के भविष्य और सुविधा से जुड़ी है, तो क्या विभाग की जिम्मेदारी सिर्फ अचानक बारिश कहकर खत्म हो जाती है? या फिर यह सरकारी लापरवाही का एक और नमूना है, जिसमें गरीब बच्चों का हक फिर से अनदेखा कर दिया गया।

