दिव्यांग पंडवानी कलाकार को मिला वाद्ययंत्र और बैशाखी, चेहरे में आई खुशी की लहर

धमतरी @ जिला के नगरी ब्लाक के अंतर्गत ग्राम उमरगांव के ऐसे दो दिव्यांग कलाकार जिन्हें अंधा लंगड़ा पंडवानी कलाकार के नाम से जाना जाता हैं।बता दें एक का नाम है चन्द्रभान कुलदीप उम्र – 42 वर्ष जो कि जन्म से ही 80 प्रतिशत आंखों की रोशनी से दिव्यांग है जिस कारण देख नहीं सकते है और वहीं दूसरे का नाम है भीषम गंधर्व उम्र- 40 वर्ष, जो कि एक सड़क दुर्घटना के वजह से अपना एक पैर खो चुका है।

जिसके कारण बिन बैसाखी चल नहीं पाते हैं।दोनों दिव्यांग छत्तीसगढ़ की लोककला पंडवानी गायन में रुचि रखते हैं और विभिन्न मंचों में दूसरों से वाद्ययंत्र और पोशाक मांगकर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।वे भीख मांगकर और अपनी कला का प्रदर्शन कर पैसा इकट्ठा कर रहे थे जिसकी जानकारी नगरी के एक समाज सेवी सन्नी छाजेड़ को गांव के कुछ जागरूक युवाओं के माध्यम से मिली।

दोनों दिव्यांगों के जीवन में हो रही वर्तमान परेशानियों को देखते हुए समाज सेवी सन्नी छाजेड़ ने समाज कल्याण विभाग धमतरी को पत्र लिखकर अवगत कराया,,जिसे विभाग द्वारा तत्काल उनकी आवश्यकता अनुसार एक हारमोनियम और एक बैसाखी प्रदान किया गया साथ ही उन्हें दिव्यांग पेंशन भी प्रदाय किया गया।इस सहायता से दोनों दिव्यांग कलाकारो ने समाज सेवी और समाज कल्याण विभाग धमतरी के प्रति आभार प्रकट किया है।आपको बता दें दोनों दिव्यांग कलाकारो की आर्थिक स्थिति कमजोर है अगर शासन से इन्हें सहयोग मिले तो निश्चित ही अपनी कला दिखाकर अपनी परिवार के साथ हसी खुशी जीवन यापन सकते हैं।

Nbcindia24

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