छत्तीसगढ़/ बालोद जिले में दबंग की दबंगई से परेशान पीड़ित परिवार ने कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से न्याय की लगाया गुहार मिडिया को अपनी पीड़ा बताते बुजुर्ग की आँख से आंसू बन छलका दर्द ।
किसी गरीब के गरीबी का फायदा उठाना किसे कहते है इस परिवार की पीड़ा को जान आप बखूबी समझ सकते है अपनी पीड़ा बतलाते रुन्दालू हुए मनोहर दास की जुबान और आँख से आंसू बन छलका दर्द इन्हें 3 वर्ष पहले ही मिल गया था जब एक सड़क हादसे में बुढापे का सहारा एकलौता जवान बेटा अपने मां-बाप के कंधों पर अपने दो मासूम बच्चे और अपनी पत्नी की जिम्मेदारी छोड़ दुनिया को अलविदा कह गया किन्तु अब एक दबंग की दबंगाई से अपने दो मासूम नाती और बहू के भविष्य की सोच यह दर्द और गहरा हो गया है।
शिकायत के अनुसार घर में पैसों की जरूरत पढ़ने पर पीड़ित मनोहर दास 6 साल पहले दल्ली राजहरा के एक व्यक्ति से 1 लाख 50 हजार उधार लिए थे तब उन्होंने ब्याज नहीं लेने की बात कह उनके व उनके बेटे के नाम की कृषि भूमि को 9 वर्षों के लिए लीज में ले पहले साल प्रति एकड़ का 4 हजार 500 और हर वर्ष प्रति एकड़ में 500 रूपये वृद्धि कर साल में एक बार एकमुश्त रूपये देने की बात कह स्टाम्प पेपर में लिखा पढ़ी कराए थे परन्तु 6 वर्ष बीत जाने के बाद भी लीज का उन्हें एक रुपये नहीं दिया गया।
पहले ब्याज नहीं लूँगा बोले थे और अब 1 लाख 50 हजार का ब्याज सहित 10 लाख रूपये की मांग कर बार-बार धमकी दे रहे जिससे परेशान होकर गाँव के एक परिचित से उधार ले उन्हें 2 लाख दिए और अब 8 लाख की मांग करते हुए जमीन को और 6 वर्षो के लिए लीज में लेने जबरदस्ती स्टाम्प पेपर में साइन करने दबाव बना धमकी दे रहे।
पीड़िता आशा मानिकपुरी कहती है मेरे पति के निधन के बाद सास-ससुर मेरे और मेरे बच्चों का सहारा है हमारा कोई और अन्य खेत नहीं जहां पर हम खेती कर सके सास और ससुर उम्र दराज होने से करने की स्थिति में भी नहीं हैं ऐसे में मैं अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हूं पुलिस और प्रशासन से निवेदन है कि हमें न्याय दिलाए।
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