सुकमा धर्मेन्द्र सिंह@ सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लाक के अंतर्गत गाँव कनकापाल मे एक महिला की मृत्यु होने के बाद उसके पोस्टमार्टम के लिए उसे छिंदगढ़ स्वास्थ केंद्र में शुक्रवार को दोपहर लगभग 12 बजे लाया गया,जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनसे पैसे मांगे जाने पर मृत आदिवासी महिला के गरीब परिजनों के पास इतनी राशि नहीँ होने पर उन्होंने इसकी शिकायत राज्य महिला आयोग सदस्य अधिवक्ता दीपिका शोरी से की।
जिसकी जानकारी मिलते ही दीपिका ने डॉक्टर से बात कर बिना कोई शुल्क लिए पोस्टमार्टम करने की बात कही इसके पश्चात अस्पताल प्रबंधन के द्वारा शाम को पोस्टमार्टम किया गया ,वही ज़ब इस बात की जानकारी मिलने पर महिला आयोग सदस्य ने जानकारी एकत्रित करना प्रारंभ किया,तो पता चला कि छिंदगढ़ अस्पताल में यह पोस्टमार्टम करने के बाद पैसा लेने वाला काम वर्षों से चला आ रहा हैं,हमेशा प्यून को देने के नाम से मृतक के घर वालों से पैसे लिया करते हैँ ।
दीपिका ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए,तत्काल प्यून की मांग के लिए आवेदन जिला स्वास्थ अधिकारी को देने की बात कही,वही निरीक्षण में आने के बाद खंड चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क करने के बाद भी वो निजी कार्यों का हवाला देते हुए उपस्थित नही हुए जिस पर राज्य महिला आयोग सदस्य दीपिका ने नाराजगी जाहिर की,और कहा ग्रामीण अंचल में जंहा ग्रामीणों के दुःख के समय उनके परिजनों से पैसे लिए जा रहे है ऐसे समय मे बीएमओ से उसकी जानकारी लेने का प्रयास किया गया,ऐसे बड़े मुद्दे को भी हल्के में लेना बीएमओ की बड़ी लापरवाही है,अगर उनकी जानकारी में ये सब हो रहा है तो निश्चित ही यह गलत हो रहा है,इस बात को लेकर मैं कलेक्टर से चर्चा करूंगी और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्यवाही की मांग करूंगी।
मरीजों एवं उनके परिजनों से की बात
दीपिका ने अस्पताल निरीक्षण के वक्त अस्पताल में भर्ती मरीजों एवं उनके परिजनों से भी बात की व उनकी समस्या एवं अस्पताल प्रबंधन के आचार व्यवहार के संबंध में पूछताछ की।निरिक्षण के उपरान्त दीपिका ने कहा की अस्पताल में साफ सफाई अच्छी है मरीजों का भोजन भी सही है परन्तु पोस्टमार्टम में हों रही पैसों की मांग सबसे गलत है व आज ज़ब मैं यहाँ आई हूं व बीएमओ को इसकी जानकारी है वो छिंदगढ़ में उपस्थित है।
इसके बाद भी उनकी अनुपस्थिति उनके कार्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है,अस्पताल में एक निरीक्षण पंजी तक नहीँ है साथ ही उपस्थित चिकित्सकों को यह ही पता नहीँ है की निरिक्षण पंजी क्या होता है उक्त तिथि में उपस्थित समस्त जिम्मेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी होना चाहिए मै निश्चित तौर पर इसकी शिकायत करूंगी जिससे आगे हमारे आदिवासी जनता का शोषण न हों पाए ।
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