गरियाबंद @ शिकारीयों के पोटाश बम से घायल हुए हाथी के शावक की हालात 20 दिन में बिगड़ गई है, वन्यजीव विशेषज्ञ चिकित्सक बीमार शावक को ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश कर उसका उपचार कर रहे हैं, एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, एंटीमैगेट के इंजेक्शन देने के साथ-साथ उसे ड्रिप चढ़ा कर दवाइयां दी जा रही है, साथ ही बच्चे की स्थिति अगर नहीं सुधरती है, तो उसे नवा रायपुर के जंगल सफारी ले जाकर वहां उसका इलाज करने की भी तैयारी उदंती सीतानदी वन प्रशासन कर रहा है।
पोटाश बम से घायल हुए हाथी के शावक की लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही है, वहीं दूसरी ओर हाथियो का झुंड और उसकी मां ने भी उसे अकेला छोड़ दिया है, वन विभाग बीमार बच्चे के इलाज के लिए अब रेस्क्यू अभियान चला रहा है, वन प्रशासन के सामने एक बड़ी समस्या यह भी है, कि अगर बच्चे की स्थिति ठीक भी होती है, तो उसका झुंड फिलहाल शावक को छोड़कर 80 किलोमीटर दूर गरियाबंद जिले के आमामोरा के पहाड़ पर चढ़ चुका है, बच्चा कैसे झुंड में वापस शामिल हो पाएंगा,
इसे लेकर वन विभाग भी चिंतित हैं, हालांकि वन्यजीव विशेषज्ञ चिकित्सक शावक के मुंह के अंदर बने घाव को ठीक करने में जुटे हुए हैं, जिसके लिए ट्रेंकुलाइजर गन से बेहोश कर उसका उपचार कर रहे हैं, एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, एंटीमैगेट के इंजेक्शन देने के साथ-साथ उसे ड्रिप चढ़ा कर दवाइयां दी जा रही है, साथ ही बच्चे की स्थिति अगर नहीं सुधरती है, तो उसे नवा रायपुर के जंगल सफारी ले जाकर उसका इलाज करने की भी तैयारी है, तो वहीं वन विभाग ने पोटाश बम फेंकने वाले शिकारी की तलाश भी तेज कर दी है।
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