छापेमारी में देरी के चलते अब तक नहीं पकड़ा जा सका सैकड़ो टन बाजार में खपाने के लिए फैला नकली खाद
विजय साहू कोंडागांव @ नकली व स्तरहिंन जैविक खाद की शिकायत मिलने के बावजूद कृषि विभाग की उर्वरक निरीक्षण की टीम ने ना तो कविता बायो फर्टिलाइजर कम्पनी के उक्त पोटाश का सैंपलिंग करवा सका ना छापेमारी कर नकली खाद की जप्ती की जा सकी।
ज्ञात हो कि रविवार 10 नवंबर को नकली खाद की शिकायत विभागीय अधिकारियों को देने की कोशिश की गई थी लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव न करने के बाद कलेक्टर कोंडागांव को जानकारी दी गई थी जीसके बाद कलेक्टर कोंडागांव ने टीम भेज कर कार्यवाही करने की बात कही थी।
आला अधिकारी के निर्देश के बावजूद टीम पहुंची दूसरे दिन गोदाम से गायब हो चुका था नकली पोटाश
मामले पर उच्चाधिकारीयों के दखलअंदाजी के बाद जांच टीम हरकत में तो आई लेकिन जब तक जांचदल पहुंचा उक्त दुकानदार के गोदाम से नकली पोटाश आईपीएल गोल्ड 555 ठिकाने लगाया जा चुका था इसके बाद गोदाम में मौजूद उक्त कंपनी के ऑर्गेनिक मेन्यूयर पाउडर की सेम्पलिंग ही कि जा सकी। वहीं विभागीय अधिकारियों को अन्य दुकानों दारों के गोदामो में कविता बायो फर्टिलाइजर के नकली पोटास आईपीएस गोल्ड 555 की जानकारी देने के बावजूद किसी प्रकार की कार्यवाही न करना इस बात के अंदेशा से इनकार नहीं किया जा सकता कि कृषि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जानबूझकर दिन पर दिन समय निकाल रहे है ताकि दुकानदारो को माल ठिकाने लगाने का मौका मिक सके। अगर यह नकली खाद किसानों को बेचा जाता है तो जिससे निश्चिंत ही फसल की पैदावार प्रभावित होगी व जमीन की उर्वरा शक्ति खराब होनी है इसकी जिम्मेदारी आखिर किसकी होगी।
जिला कांकेर के पखांजुर में कविता फ़र्टिलाइजर के खाद पर हो चुकी है कार्यवाही
शासन प्रशासन के माप दंड में खरे उतरे कविता बायो फर्टिलाइजर के सैंपल की खुद दुकान से खरीद कर उसकी जांच नागपुर लैब में किसानों व मीडिया कर्मियों ने कराई थी जिसमें उक्त कंपनी का पोटश स्तरहीन पाया गया था,कविता बायो पर्टिलाइजर और इस जैसे कंपनी की जांच रिपोर्ट का सही पाया जाना इसलिए संभव है क्योंकि जांच केवल उन्हें जो चाहिए उसकी होती है अब तक न ही कृषि अधिकारियों ने सैंपल में नमक की मात्रा अर्थात एन ए सी एल की कभी जांच की मांग की मगर पखांजूर के जागरूक किसानों के द्वारा स्वयं कविता बायो फर्टिलाइजर के दोनों पोटाश को नागपुर ले जाकर लैब में दोनों सैंपलों की जांच की गई .
जिसमें एक सैंपल में जो कि ऑर्गेनिक पोटाश के नाम से बाजार में उपलब्ध है उसमें 92 प्रतिशत नमक पाया गया पानी में घुलनशील पोटाश 20 प्रतिशत की जगह न के बराबर पाया गया। वहीं दूसरी ओर आई पी एल 555 में नमक की 88 प्रतिशत और पोटाश न के बराबर पाया गया अब सवाल यह उठता है कि जब प्रदेश भर में नमक में रंग लगाकर पोटाश बेचा जा रहा है कि बाते अधिकारियों के कानों तक आती है तो जांच में इसकी पुष्टि क्यों नहीं की जाती है एक और नकली पोटाश खरीद कर ठगी का शिकार होने से किसानों को अब तक क्यो नही बचाया जा सका ।वही पूछताछ करने पर पता चला कि कविता बायो फर्टिलाइजर के उक्त नकली खाद को जगदलपुर कोंडागांव के डीलरों तक कंपनी का एजेंट खेमलेश्वर साहू खपाने का काम करता है
बीएसपी के राखड़ से किया जा रहा वारान्यारा, छद्म नाम से किसानों को लगाया जा रहा चुना
वही प्रदेश के अन्नदाता, कविता बायो फर्टिलाइजर द्वारा राखड़ खाद जो भिलाई स्टील प्लांट से निकलने वाला डस्ट है जिसमें कुछ उपकारी तत्व मौजूद होते है जिसे बाजार में राजा सलफेट के नाम से बेचा जाता है कई जगहों में प्रतिबंधित है उसे सिंगल सुपर फास्फेट के नाम से बाजार में खुलेआम महंगे दामों में बेचा जा रहा हैसूत्रों के मुताबिक जब से बायो फर्टिलाइजर की डिमांड बढ़ रही है तब से फ्लाईएस की मांग लगातार बढ़ी है।आखिर किसके आदेश और शह पर ऑर्गेनिक मेन्यूयर पाउडर ओर दानेदार की बोरी में सुपर पाउडर लिख के बेचा जा रहा है जबकि उक्त बोरियो में ऑर्गेनिक मेन्यूर पावडर लिखना चाहिए न कि सुपर पाउडर ऐसा लिख के किसानों को गुमराह किया जा रहा है किसानो को ये सिंगल सुपर फास्फेट बोलकर ठगी का शिकार बना रहे है ।
आनन्द नेताम,उर्वरक निरीक्षक ने कहा की …
उच्च अधिकारियों से मिले निर्देशन के बाद हम शिकायत स्थल पर पहुंचे थे वहां से नियमानुसार सैंपल लेकर डीडीए को कार्यवाही के लिए भेज दिया गया है 15 दिनों में रिपोर्ट प्राप्त हो सकेगा.
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