बीजापुर @ अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में पूरे विश्व में अनेकों शक्तिपीठ बने हुए हैं जिसके सुचारू रूप से संचालन हेतु ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इस ट्रस्ट में स्थानीय श्रद्धावन एवं निष्ठावान परिजनों को जिम्मेदारी दी जाती है ताकि पूरी पारदर्शिता, लगन से परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा चलाए जा रहे हैं सप्तसूत्रीय आंदोलन को गति देने में अपनी महती भूमिका निभाएं।
ट्रस्ट के साथ-साथ जिले में विभिन्न प्रज्ञा मंडल,महिला मंडल एवं युवा मंडलों के गठन एवं उनके सक्रियता बनाए रखने हेतु जिला संयुक्त समन्वय समिति का भी संचालन होता है। यह दोनों संगठन 3 वर्ष के लिए होते हैं जिसकी पूर्णता बाद शांतिकुंज हरिद्वार से दीदी शैलबाला पंड्या जी की अनुमति प्राप्त कर पुनर्गठन की प्रक्रिया होती है ताकि नए चेहरों को इसमें जिम्मेदारी मिले और जनकल्याणकारी कार्यों में गति मिल सके । इसी परिप्रेक्ष्य में बीजापुर गायत्री शक्तिपीठ में 9 नवंबर को शांतिकुंज प्रतिनिधि श्री लेखराम साहू जी के नेतृत्व में तथा आयताराम पोडियाम जिला समन्वयक सुकमा एवं नित्यानंद साहू जिला समन्वयक बस्तर की उपस्थिति में जिले के समस्त परिजनों की बैठक आहूत की गई ।
इस बैठक में उपस्थित सभी ब्लॉकों के महत्वपूर्ण सक्रीय परिजनों के समक्ष सर्वसम्मति से ट्रस्ट का पुनर्गठन किया गया जिसमें पूर्व प्रमुख प्रबंध ट्रस्टी शंकर कुड़ियम को पुनः अगले 3 वर्ष के लिए प्रमुख प्रबंध ट्रस्टी चुना गया । सहायक प्रबंध ट्रस्टी के रूप में रामयश विश्वकर्मा एवं ट्रस्टीगण जयपाल सिंह राजपूत, खेमिन यादव, रुक्मणी झाड़ी, पवन सोनी, एवं सरजू भास्कर को दायित्व मिला। शक्तिपीठ व्यवस्थापक के रूप में श्री जयपाल सिंह राजपूत पूर्व की भांति यथावत रखे गए हैं । जिला संयुक्त समन्वय समिति का पुनर्गठन किया गया जिसमें वरिष्ठ परिजन एवं सक्रिय कार्यकर्ता विजय बहादुर राजभर के अस्वस्थ होने के कारण पूर्व सहायक प्रबंध ट्रस्टी बीरा राजबाबू को जिला समन्वयक का दायित्व सौंपा गया ।
सहायक जिला समन्वयक के रूप में भैरमगढ़ से दसरू पदामी को जिम्मेदारी मिली। इस प्रकार से अलग-अलग अन्य नारी संगठन, युवा आंदोलन, वित्त व्यवस्था,कार्यक्रम प्रभारी, मीडिया प्रभारी, रचनात्मक जैसे अनेक आंदोलन में कई नए चेहरों को स्थान मिला । ट्रस्ट पुनर्गठन निर्विवाद रूप से संपन्न हुआ और सभी की आम सहमति से पुनर्गठन की प्रक्रिया पूर्ण हुई। पुनर्गठन पश्चात अतिथियों को तिलक चंदन कर श्रीफल देकर विदाई दिया गया । लेखराम साहू ने सभी नवनियुक्त ट्रस्टियों एवं जिला संयुक्त समन्वय समिति के सदस्यों को मिले नए दायित्व को पूरे प्राण प्रण से पूरा करते हुए गुरु कार्य करने के लिए तथा 2026 में आयोजित माता भगवती देवी शर्मा के जन्म शताब्दी तथा अखंड ज्योति शताब्दी समारोह तक मिशन मोड पर रचनात्मक कार्य करने हेतु प्रेरणा पूर्वक उद्बोधन दिया एवं सभी को नए दायित्व के लिए बधाई दिया।
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