समस्या: प्यासी नल से पानी की आस, कब बुझेगी नल से ग्रामीणों की प्यास..?

जगन्नाथ साहू बालोद/ जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर ग्राम हथोद में पानी टंकी का निर्माण कई महीना पहले लाखों रूपये की लागत से पूर्ण हो चुका है लेकिन निर्माण एजेंसी द्वारा अब तक ग्राम पंचायत को नवीन टंकी हैंडओवर नहीं किया गया है जिसके कारण ग्रामीणों को पानी की किल्लातों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्राम पंचायत हाथोद अंतर्गत 1500 से ज्यादा की जनसंख्या है जिन्हें रोजाना पेयजल पानी के लिए इंतजार करना पड़ता है वर्तमान में पंचायत द्वारा सिर्फ दो बोरवेल के माध्यम से पाईप लाईन द्वारा पेयजल की आपूर्ति कराई जा रही है जिसके कारण ग्रामीणों को पेयजल पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जबकि ग्रामीणों की माने तो नवीन पानी टंकी का निर्माण कई महीना पहले हो चुका है जिसके लिए संबंधित विभाग द्वारा दो बोर का खनन भी किया जा चुका है ठेकेदार द्वारा पाईप लाइन विस्तार और घरों में नल जल कनेक्शन लगाने का कार्य भी लगभग पूर्ण किया जा चूका है सिर्फ टंकी निर्माण स्थल का समतलीकरण का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।

ग्रामीण ने सूरज कौशिक ने बताया कि नवीन पानी टंकी का निर्माण किया गया है जिसके लिए दो बोर खनन किया गया है जहाँ बोरवेल में तीन एच पी का मोटर पम्प लगाया गया है जिसके कारण बोलवेल का पानी टंकी में नहीं चढ़ पा रहा है इसलिए बोरवेल में पांच एच पी का मोटर लगाने कि आवश्यकता है जिससे पानी टंकी में भरकर गाँव के लिए सप्लाई किया जा सकता है लेकिन वर्तमान समय में टंकी के माध्यम से घरों तक पानी की सप्लाई नही हो पा रही है।

ग्रामीण चेतन देवांगन ने बताया कि कई महीनो से नया पानी टंकी बनकर तैयार है लेकिन उसके माध्यम से अब तक हम लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है ग्राम पंचायत द्वारा पुराने कनेक्शन के माध्यम से पानी दिया जा रहा है जिसके कारण पानी लेने के लिए हमें घंटा इंतजार करना पड़ता है। जिसके कारण कई ग्रामीणों को पानी भरने के चक्कर में रोजी मजदूरी के कार्यों में जाने से वंचित होना पड़ता है यदि ठेकेदार द्वारा पानी टंकी का बचत कार्य पूर्ण कर पंचायत को हैंड ओवर करता तो ग्रामीणों को पानी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता और ग्रामीण लोगों समय पर पानी भर कर अपने कार्यों में लग जाएंगे ।

सरपंच ललिता देवांगन ने बताया कि टंकी निर्माण कई महीने पहले पूर्ण हो चूका है लेकिन संबंधित ठेकेदार द्वारा टंकी निर्माण कर ग्राम पंचायत को हेंडओवर नहीं किया गया है वहीं ग्रामीणों के लिए पेयजल की व्यवस्था पुराने बोलवेल के माध्यम से कराया जा रहा है जिसके कारण ग्रामीणों को समय पर पानी नहीं मिल पा रहा है।

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