छत्तीसगढ़ के बालोद जिला से अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां एक किसान को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पांच किस्त देने के बाद उन्हें सरकारी सिस्टम में मृत बतला आगे की किस्त रोक दिया गया जिसके बाद से किसान अपने ही जीवित होने का प्रमाण पत्र लिए लगातार अधिकारियों की ऑफिस के चक्कर लगा रहे लेकिन किसान की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
जिले के गुरुर तहसील अंतर्गत ग्राम भोथली निवासी पीड़ित अखिलानंद साहू ने बतलाया की कोरोना काल के पूर्व उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रत्येक 4 माह में दो-दो हजार की पांच किस्त कुल 10 हजार मिलने के बाद सन् 2021में कोराेना के बाद से राशि मिलना बंद हो गया जिसकी जानकारी लेने जब अधिकारियों के पास गए तो अधिकारियों ने कहा आप तो किसान सम्मान निधि के रिकार्ड में मर चुके हो इसलिए आपका सम्मान निधि का किस्त रोक दिया गया है।
अधिकारियों की बात सुन किसान खिलानंद दंग रह गया और सालों तक एक अधिकारी से दूसरे और दूसरे से तीसरे अधिकारी के पास चक्कर काटने के बाद अधिकारियों ने कहा आप अपने जीवित होने का प्रमाण दीजिए तो सन् 2023 में पिछले वर्ष ग्राम पंचायत भोथली से अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र बनवा अधिकारियों के पास जमा किया किंतु विडंबना बना है कि अभी तक सरकारी सिस्टम में उन्हें जीवित नहीं कर पाया।
थक हार किसान जिला कलेक्ट्रेट जनदर्शन में पहुंच कलेक्टर से फरियाद लगा अपने जीवित होने की प्रमाण दे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्त दिलाने गुहार लगाया।
मामले में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने कहा शिकायत देखकर मैं भी हैरान रह गया कोई किसी जीवित व्यक्ति को मृत कैसे कर सकते है इस संबंध में संबंधित एसडीएम कृषि विभाग अधिकारी से प्रतिवेदन लेकर जो भी अधिकारी कर्मचारी दोषी होगा उनके विरुद्ध अनसुनात्मक कार्यवाही की जायेगी और किसान सम्मान निधि के पात्र होंगे तो उन्हें राशि दिलाई जाएगी।
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