छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में स्थित माता लिंगेश्वरी मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जो साल में केवल एक दिन के लिए खुलता है। इस मंदिर में देवी की पूजा लिंग रूप में होती है, जिसमें शिव और शक्ति दोनों की पूजा एक साथ होती है।
मंदिर की विशेषताएं: माता लिंगेश्वरी मंदिर आलोर गांव के झाटीबन के पहाड़ों की गुफा में स्थित है।
मंदिर में देवी की पूजा लिंग रूप में होती है, जिसमें शिव और शक्ति दोनों की पूजा एक साथ होती है।
कपाट खुलने की तिथि: मंदिर के कपाट हर साल भाद्रपद मास की नवमी तिथि के बाद आने वाले बुधवार को खुलते हैं। इस साल, मंदिर के पट 3 सितंबर को खुले।
निसंतान दंपतियों के लिए यह मंदिर विशेष महत्व रखता है, जो संतान प्राप्ति की कामना लेकर यहां आते हैं। मान्यता है कि यहां खीरा चढ़ाने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है।
दर्शन और पूजा: मंदिर के पट खुलने के बाद, श्रद्धालु पूरे दिन माता के दर्शन कर सकते हैं।
मंदिर में पूरे दिन पूजा-अर्चना की जाती है, और श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरी होने के लिए प्रार्थना करते हैं।
मान्यताएं और परंपराएं: मंदिर में निसंतान दंपतियों की मनोकामना पूरी होने की मान्यता है, और यहां हजारों दंपतियों को संतान प्राप्ति हुई है।
मंदिर में खीरा चढ़ाने की परंपरा है, जिसे प्रसाद के रूप में भी दिया जाता है।
मंदिर के द्वार खोलने के बाद रेत में पदचिन्ह देखकर भविष्य के अनुमान लगाए जाते हैं।
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