लोन वर्राटू “घर वापस आईये” अभियान से प्रभावित होकर 01 महिला माओवादी ने किया आत्मसमर्पण, पुलिस की अपील का माओवादियों पर व्यापक असर,हिंसा की राह छोड़कर लोकतंत्र और सविंधान में जताया विश्वास
शैलेश सेंगर दंतेवाड़ा /जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू (घर वापस आईये) अभियान तथा छ0ग0 शासन की ‘‘पुनर्वास नीति’’ के तहत जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लगातार संपर्क एवं संवाद किया जा रहा है साथ ही शासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार गाॅव-गाॅव तक किया जा रहा है।
जिसके परिणाम स्वरूप यह बदलाव माओवादी कैडर में दिखाई दे रहा है और बड़ी संख्या में माओवादी कैडर का आत्मसमर्पण देखने को मिल रहा है। नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज के मुख्यधारा में जुड़ने का संकल्प करके कटेकल्याण एरिया कमेटी के प्रतिबंधित संगठन में मार्जूम पंचायत केएएमएस सदस्य कुमारी चैतो कवासी पिता मुड़ा कवासी उम्र 25 वर्ष जाति मुरिया निवासी मार्जूम भीमापारा थाना कटेकल्याण जिला दन्तेवाड़ा ने आज शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों के समक्ष डीआरजी कार्यालय दन्तेवाड़ा में आत्मसमर्पण की।
उपरोक्त महिला माआवोदी को आत्मसमर्पण कराने में आरएफटी(रेंज फिल्ड टीम) सीआरपीएफ दन्तेवाड़ा का विशेष योगदान रहा।
जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ सभी भटके हुए माओवादियों से अपील करती है कि वे हिंसा की धारा छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए निकटतम थाना अथवा कैंप में सम्पर्क करें और क्षेत्र के विकास में अपना अमूल्य योगदान दे।
पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा द्वारा आत्मसमर्पित माओवादी को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पुनर्वास योजना के तहत् 25 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि एवं पुनर्वास योजना के तहत मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ प्रदाय कराया जायेगा।
लोन वर्राटू अभियान के तहत् अब तक 180 ईनामी माओवादी सहित कुल 802 माओवादियों आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं ।
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