मां खंभेश्वरी देवी का एक ऐसा ऐतिहासिक मंदिर,जहां निर्मित है पुलिस थाना,माता की सिपाहियों के द्वारा की जाती है विशेष पूजा 

मां खंभेश्वरी देवी का एक ऐसा ऐतिहासिक मंदिर,जहां निर्मित है पुलिस थाना,माता की सिपाहियों के द्वारा की जाती है विशेष पूजा 

 

 

धर्मेंद्र यादव धमतरी / जिले के अंतर्गत एक ऐसा थाना निर्मित है जो मां खंभेश्वरी देवी के मंदिर पर स्थापित है बता दे यह मंदिर, सिहावा थाना में है जिसके प्रांभिक द्वार में दो खंबे हैं जिन्हे मां खंभेश्वरी देवी के नाम से पूजा जाता है।

 

 

चैत्र नवरात्र पर्व चल रहा है और इस अवसर पर थाने में पदस्थ सभी सिपाही माता का नव दिन जगराता करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं।साथ ही आस पास के सभी श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए उमड़े रहते हैं।श्रद्धालुओं का कहना है कि मां खंभेश्वरी देवी की पूजा अर्चना करने से मां भक्तो की मनोकामना पूरी करती है और मां खंभेश्वरी के विराजमान होने के कारण पुलिस विभाग को भी कोई समस्याएं नही होती है।

 

 

क्या है मान्यता :

 

बता दें सिहावा थाने में पदस्थ सभी सिपाही सवा सौ साल पुरानी परंपरा को अपनाते आ रहे हैं थाने में पदस्थ हर पुलिस सिपाही यहां माथा टेक कर आशीर्वाद लेकर ही दिन की ड्यूटी शुरू करता है और साथ ही मां खंभेश्वरी को पूरे क्षेत्र के आदिवासी समुदाय अपनी आराध्या मानते हैं किसी के भी घर परिवार में कोई भी शुभ काम हो तो सबसे पहले यहीं आकर पूजा की जाती है।थाने का मुंशी रोज़ बाकायदा यहां पूजा करता है।

 

 

सिहावा इलाके से अंग्रेज रेलवे के लिए साल स्लीपर की सप्लाई किया करते थे और सुरक्षा के लिहाज़ से 1898 में अंग्रेज़ों ने यहां थाना शुरू किया था जिसके बाद 1903 में इस थाना भवन का निर्माण किया गया।

 

 

लेकिन क्षेत्र के लोगों की आस्था को देखते मां खभेश्वरी देवी मंदिर को उसी स्थान पर रहने दिया गया। ये छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने थानों में से एक है।थाना प्रभारी उमाकांत तिवारी बताते हैं कि उन्होने ऐसा थाना कहीं न देखा न सुना है यहां कार्य मां के आशीर्वाद से शुरू होकर मां के आशीर्वाद पर खतम होता है।

Nbcindia24

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