हरवेल में धुमधाम के साथ मनाया गया छेरछेरा पर्व,छत्तीसगढ़ का पारम्परिक त्यौहार छेरछेरा पर्व आज 25 जनवरी गुरुवार को धुमधाम के साथ मनाया गया

हरवेल में धुमधाम के साथ मनाया गया छेरछेरा पर्व,छत्तीसगढ़ का पारम्परिक त्यौहार छेरछेरा पर्व आज 25 जनवरी गुरुवार को धुमधाम के साथ मनाया गया

विजय साहू @ फरसगांव/विश्रामपुरीकोंडागांव जिले के विकासखंड बड़ेराजपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत हरवेल और आसपास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का पारम्परिक त्यौहार छेरछेरा पर्व आज 25 जनवरी गुरुवार को धुमधाम के साथ मनाया गया गांव के स्कुल के बच्चों की एक टोली गली गली घुमकर बोरी और झोला लेकर छेर छेरा मांगने लगे।

 

इसी कड़ी में ग्राम पंचायत हरवेल, डिहीपारा तर‌ईबेंडा,किबडा, धामनपुरी बालेंगा, पिटीसपाल पीढापाल तीतरवंड गम्हरी में भी छेर छेरा बहुत ही धुमधाम के साथ मनाया गया। ग्रामीण अंचलों में गुरुवार को छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार छेरछेरा पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। पर्व को लेकर ग्रामीण और खास कर बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला। टोली में बच्चे झोला और बोरी लेकर छेर छेरा मांगने के लिए अपने -अपने घरो से निकले। गाजे-बाजे के साथ बच्चों की टोली घर-घर पहुंचकर छेर छेरा गीत गाया।

 

दूर एक-दूसरे के घर जाकर छेरछेरा मांगते हुए कहते हैं छेरछेरा माई कोठी के धान ल हेरहेरा। मान्यता है कि धान के कुछ हिस्से को दान करने से अगले वर्ष अच्छी फसल होती है। इसलिए इस दिन किसान अपने दरवाजे पर आए किसी भी व्यक्ति को निराश नहीं करते। प्राचीन काल में राजा महाराजा भी इस पर्व को मनाते थे।

 

छत्तीसगढ़ में प्राचीनकाल से छेरछेरा पर्व की संस्कृति का निर्वहन होते आ रहा है।लोगों के घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए गए। किसानों में इस पर्व को लेकर काफी उत्साह दिखा। दरअसल यह त्योहार खेती-किसानी समाप्त होने के बाद मनाया जाता है। इस अवसर पर लोग गांवों से बाहर निकलते नहीं हैं। गांव में रहकर ही इस पर्व को मनाते हैं। वैसे इस पर्व की तैयारी सप्ताह भर पहले से शुरू हो गई थी।

Nbcindia24

You may have missed