एक पार्षद का लोकगायिका तक का सफर बचपन से शास्त्रीय संगीत की ओर था रुझान।

नगर पालिका क्षेत्र की दूसरी बार की वार्ड पार्षद , अब लोकगायिका के रूप में मिल रही है प्रसिद्धि

Nbcindia24/वीरेंद्र भारद्वाज/दल्ली राजहरा ।  नगर पालिका परिषद में वार्ड क्रमांक 26 से दूसरी बार पार्षद निर्वाचित होने वाली टी. ज्योति राजनीति में तथा सामाजिक स्तर पर सक्रियता के लिए जानी जाती हैं , इसके साथ अब उन्हें जनता से एक लोकगायिका के रूप में पहचान एवम प्रसिद्धि प्राप्त हो रही है ।

मोहन सुंदरानी बैनर तले गाया लोकपरम्परिक गीत

छत्तीसगढ़ फ़िल्म जगत के भीष्म पितामह कहे जाने वाले मशहूर फिल्म निर्माता एवम संगीतकार मोहन सुंदरानी के बैनर तले टी ज्योति के द्वारा अब तक 7 छत्तीसगढ़ी लोकगीत व लोक पारंपरिक गीत गाया जा चुका हैं और आने वाले समय मे अन्य लोकगीत की तैयारी जोरों पर है । जिसमे माता जसगीत जिसके गीतकार व संगीत कार जयदास मानिकपुरी  है।

बचपन से शास्त्रीय संगीत की ओर रुझान
कहते हैं पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं , इस कहावत को चरितार्थ करते हुए बचपन से शास्त्रीय संगीत के इस रुझान और फिर अपनी कला को निखारने की ओर मेहनत करते करते आज टी ज्योति के यूट्यूब में अपलोड किए गए लोकगीत को आज छत्तीसगढ़ राज्य भर में ज्योति सोनी के नाम से प्रसिद्धि मिल रही है ।

विभिन्न गायन शैली में निपुण हैं टी ज्योति
वर्तमान में प्रसिद्ध लोकगीत गायन के साथ टी ज्योति द्वारा भक्तिरस के गीत जिनमे देशभक्ति , माता की भक्ति से लेकर मोर महतारी धरती मैया , पंथी में गाने गा चुकी हैं ।जिसके गीतकार व संगीतकार भुवन साहू है जो कि दल्ली राजहरा के निवासी है ये शास्त्रीय गायन की नींव ही है जो इन्हें इस प्रकार सभी गायन शैलियों में निपुण बनाती हैं ।
चर्चा में टी ज्योति ने बताया कि उनके गुरु है स्व शेखर साहू है  मेरे पति व पूरा परिवार व मेरे समस्त वार्डवासी संगीत छेत्र व राजनीति छेत्र में पूरा सहयोग कर रहे है।4 वर्ष की उम्र से संगीत के प्रति रुचि ,बचपन से ही सपना था कि छत्तीसगढ़ का no 1 चैनल सुंदरानी के साथ संगीत छेत्र में कार्य करना आज सपना साकार हुआ। माता सरस्वती ,मेरे संगीत छेत्र के प्रेरणा दायक मोहन सुंदरानी  व समस्त वार्डवासियों व प्रदेशवासियों का आशीर्वाद मुझ पर हमेशा बना रहे ताकि मैं अपने राजनीतिक छेत्र व संगीत छेत्र निरंतर कार्य कर सकू।

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