बिहान की महिलाए तैयारी कर रही हर्बल गुलाल

Nbcindia24/ गरियाबंद- कोरोना काल के होली में संक्रमण का खतरा न बढ़े इसलिए बिहान से जुड़ी अमलीपदर की महिलाए टमाटर,पलास के फूल,पालक,गोभी की भाजी व कच्चे हल्दी का इस्तेमाल कर समूह हर्बल गुलाल तैयार कर रहीं है।ब्रांडेड बता कर 200 रुपये कीलो में बेचे जाने वाली हर्बल गुलाल,अब इस ग्रामीण इलाके में होली के पहले महज 70 से 80 रुपये किलो के दर पर होगी उपलब्ध ।

वैश्विक कोरोना महामारी के चलते केमिकल युक्त गुलाल सेहत को ज्यादा नुकसान पहूचा सकता है। ऐसे में हर्बल गुलाल ग्रामीण अंचलों में आम आदमी तक आसानी से पहुंच जाये,इसलिए अमलीपदर के सिद्धि विनायक स्वसहायता समूह द्वारा हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है।


सप्ताह भर पहले काम शुरु किया गया था।दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक काम मे जुटती है और रोजाना 3 से 5 किलो तक गुलाल तैयार हो रहा था,शुरुवाती दौर में अन्य जरुरी सामग्रियों को जुटाने में समय लगा। शुरुवात के तौर पर अब तक 80 किलो बना चुकी है। दीपावली के समय फरसरा इलाके की महिला समूह से दिया बाती तैयार कर बाजार में सफल हो चुकी ग्रामीण आजीविका मिशन की क्लस्टर प्रभारी निधि साहू ने ही इस बार होली में हर्बल गुलाल बनाने का प्रयोग कर रही हैं।गणतंत्र दिवस में अपने काम को लेकर जिला प्रसाशन से सम्मानित भी हुई है। निधि साहू ने बताया कि 20 तारीख के पहले समूह द्वारा तैयार हर्बल गुलाल अमलीपदर के दुकान व साप्ताहिक बाजारों में बिकने लगेगा।इसको बनाने में 50 रुपये का लागत प्रति किलो आ रहा है,जिसे बाजार में 70 व अधिकतम 80 रुपये किलो तक बेचेंगी। 10,20 व 50 रुपये के पैकेट तैयार किया जा रहा है।दावा किया जा रहा है कि बाजारों में हर्बल गुलाल के नाम से 200 रुपये किलो तक बिकने वाले केमिकल युक्त गुलाल को यह देशी मेड गुलाल टक्कर देगी। निधि ने कहा की प्रयोग में सफल हुए तो अगले सीजन में अन्य ओर समूहों से बड़े पैमाने पर गुलाल तैयार कराया जाएगा।क्लस्टर के 25 पँचायत में 42 गाव है जन्हा 792 समूह पंजीकृत है। जहां अगरबत्ती,पेन,मछली पालन के अलावा समूह आजीविका के अन्य काम मे जुटी हुई है।गुलाल बनाने वाले समूह को आजीविका मिशन के तहत 1 लाख रुपये का लोन दिया गया है।

निधि साहू ने बताया कि गुलाल के बेस के लिए अरारोट पावडर का इस्तेमाल होता है।हरे रंग के लिए गोभी भाजी,पालक भाजी के रस का इस्तेमाल होता है।पिला रंग बनाने टमाटर व कच्चे हल्दी का इस्तेमाल।लाल रंग के लिए लालभाजी,पलास फूल,टमाटर का रस त्यार कर आरारोट पावडर में मिक्स कर सुखाया जाता है।सुगन्ध के लिए परफ्यूम व एसेंस का मामूली इस्तेमाल होता है।

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