वर्तमान प्रकरण में नो वर्क नो पेमेंट का नियम लागू नहीं होता है क्योंकि निर्मत उक्त परिस्थिति के लिए कार्यरत ठेका श्रमिक कहीं से भी ज़िम्मेदार नहीं है-मुश्ताक़ अहमद

nbcindia24/वीरेन्द्र भारद्वाज/ दल्लीराजहरा । महामाया माईंस में ठेकेदार द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के कार्य को बंद कर दिया गया है और नो वर्क नो पेमेंट का बोर्ड लगा दिया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि बीएसपी प्रबंधन और महामाया के कुछ स्थानीय संगठनों के बीच एक समझौता हुआ था जिसमें ईस बात का उल्लेख था कि 2.4 मिलीयन टन का पर्यावरण अनापत्ति प्राप्त होने के उपरांत नये श्रमिकों की भर्ती में स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। किंतु अभी तक पर्यावरण अनापत्ति अप्राप्त है प्रक्रियाधीन है। ऐसे में महामाया माईंस का कार्य विगत 05 दिनों से बंद है और कार्यरत श्रमिकों का कार्ड नहीं लिया जा रहा है जबकि कार्यरत श्रमिक अपने समय से कार्य पर उपस्थित हो रहें हैं। कुछ स्थानीय संगठन प्रबंधन के साथ हुए समझौते का हवाला देते हुए कार्य को बंद कर दिये है हम किसी भी संगठन के आन्दोलन का विरोध नहीं करते हैं किंतु इस आन्दोलन से 400 श्रमिक और उनके परिवार के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है।आज चाहते हुए भी कार्यरत ठेका श्रमिक कार्य पर नहीं जा पा रहे हैं।और बीएसपी प्रबंधन और ठेकेदार का यह कहना है कि नो वर्क नो पेमेंट जिसका संघ विरोध करता है

संघ का स्पष्ट मानना है कि उक्त परिस्थिति स्थानीय संगठन और बीएसपी प्रबंधन के बीच का मामला है जिसके लिए कार्यरत ठेका श्रमिक कहीं से भी ज़िम्मेदार नहीं है ऐसे में *नो वर्क नो पेमेंट लागूं करना कानून का उल्लंघन* है।इस संबंध में बीएसपी प्रबंधन से चर्चा हुई जिसपर कोई सार्थक हल नहीं निकलने पर कार्यरत श्रमिक और संघ के सदस्यों ने राजहरा थाने में जाकर सी एस पी महोदय को ज्ञापन सौंपा और चर्चा की जिसपर सीएसपी महोदय ने यह कहा है कि आज एसडीएम महोदया और स्वयं जाकर आन्दोलन कारियो से बातचीत कर ईस मामले का पटाक्षेप करने का प्रयास करेंगे। संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने कहा कि कुछ लोगों को रोजगार दिलाने के लिए लगभग 400 श्रमिकों को बेरोजगार करना कहीं से भी उचित नहीं है। नये श्रमिकों को रोजगार मिले हम भी यही चाहते हैं किंतु उसके लिए कार्यरत श्रमिकों का कार्य बंद करना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। अंत में संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने कहा कि वर्तमान प्रकरण में *नो वर्क नो पेमेंट का नियम लागू नहीं होता है क्योंकि निर्मत उक्त परिस्थिति के लिए कार्यरत ठेका श्रमिक कहीं से भी ज़िम्मेदार नहीं* है वह कार्य पर जाना चाहते हैं इसलिए कार्यरत ठेका श्रमिकों को जब तक कार्य प्रारंभ नहीं हो जाता है तब तक उनकी हाजिरी का पैसा बीएसपी प्रबंधन और ठेकेदार को भुगतान करना होगा,और अगर ऐसा नहीं होता है तो संघ और श्रमिक कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी बीएसपी प्रबंधन और ठेकेदार की होगी। आज बीएसपी प्रबंधन से बातचीत के लिए महामाया माईंस में ठेके में कार्यरत सैकड़ों श्रमिक उपस्थित हुए थे। जिसमें श्रमिक नेता और श्रमिकों के बीच से 10 लोगों को आमंत्रित किया गया था। सीएसपी राजहरा को ज्ञापन सौंपने में मुख्य रूप से जिला मंत्री मुश्ताक अहमद, केन्द्रीय अध्यक्ष एम पी सिंग, राजहरा शाखा के अध्यक्ष किशोर कुमार मायती सचिव लखन लाल चौधरी, शोभीत मंडावी,सजीवन,नवल किशोर,विजय डड़सेना, अन्य साथीगण उपस्थित थे।

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