तीसरी लहर के बीच आक्सीजन प्लांट को मेंटेन न करना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ – सौरभ लुनिया

nbcindia24/वीरेन्द्र भारद्वाज/ दल्ली राजहरा । भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सौरभ लुनिया ने कहा है कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के प्रति किस हद तक दुराग्रह की राजनीति पर उतर आई है, यह प्रधानमंत्री केयर फंड के 49 ऑक्सीजन प्लांट के मेंटेनेंस के लिए उसके हाथ खड़े कर देने से स्पष्ट हो रहा है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर के बीच आक्सीजन प्लांट को मेंटेन न करना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के साथ बड़ा खिलवाड़ है।सौरभ लुनिया ने कहा कि पीएम केयर फंड से स्थापित इन ऑक्सीजन प्लांट की देखरेख नहीं होने से अब प्रदेशभर के लोगों को यह चिंता हो रही है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर पर यह प्रदेश सरकार किस तरह काबू पाएगी? सौरभ लुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश को बताएं कि क्या अपने ऑक्सीजन प्लांट्स का मेंटेनेंस छत्तीसगढ़ पूरी तरह कंगाल हो चुका है? करके पीएम केयर फंड के प्लांट्स लिए पीएम केयर फंड से स्थापित इन ऑक्सीजन प्लांट की मौजूदा दौर में कभी भी बेहद आवश्यकता पड़ सकती है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंक के मद्देनजर ही ये प्लांट्स तेजी से स्थापित किए गए हैं ताकि आपदा काल में प्रदेश की जनता को बजट का रोना रो रही है। अगर प्रदेश सरकार के पास पीएम केयर फंड के ऑक्सीजन प्लांट्स के रखरखाव के लिए पैसे नहीं हैं तो फिर सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है। तकलीफ़ न हो। उन्ह्होंने कहा कि अगर कोरोना संक्रमण जैसे आपदाकाल को भी कोरोना के खिलाफ जारी जंग के लिए भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार घोर लापरवाही का प्रदेश सरकार पैसों के लिए रूदालियों की परिचय देकर राजनीतिक अवसर में बदलने तरह प्रलाप कर रही है तो प्रदेश का पैसा की बदनीयती का प्रदर्शन कर रही है। राज्य आखिर जा कहां रहा है? पिछले तीन सालों में यह प्रदेश सरकार जो 52 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्जा लेकर बैठी है, वह पैसा कहाँ चला गया? क्यों प्रदेश के जन स्वास्थ्य के साथ – कांग्रेस की सरकार खिलवाड़ करने पर आमादा है? एक तरफ प्रदेश सरकार कोरोना गाइडलाइन का न तो खुद पालन करती है और न ही लोगों से उसका पालन सख्ती से नहीं कराती, समय पर ठोस और सही निर्णय तक नहीं लेती, वहीं दूसरी तरफ कोरोना उपचार के लिए जरूरी उपकरण व प्लांट्स को मेंटेन करने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़कर उत्तर प्रदेश की राजनीति में मशगूल है। लुनिया ने कहा कि यह स्थिति छत्तीसगढ़ के लिए बेहद दुखद है और प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ के लिए दुर्भाग्य और अनावश्यक बोझ बन गई है।

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