नित नए प्रेरक आयाम लेकर हर पल भव्य बनाता शिक्षकों का किया गया सम्मान।

शिक्षक ज्ञान देने के साथ विद्यार्थियों में अच्छे नागरिक के गुण भी विकसित करते हैं – राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके

राज्यपाल-मुख्यमंत्री ने शिक्षकों का किया सम्मान
’गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ में अपनी परम्परा
और शिक्षा का सर्वोच्च स्थान – श्री भूपेश बघेल
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का वर्चुअल आयोजन

बालोद जिले के दो शिक्षकों को मिला राज्य स्तरीय पुरस्कार

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके

Nbcindia24/chhattisgarh/ शिक्षक, केवल विभिन्न विषयों का ज्ञान ही नहीं देते बल्कि एक अच्छे नागरिक बनने के गुण भी अपने विद्यार्थियों में विकसित करते हैं। शिक्षक विद्यार्थी के अन्दर छुपी प्रतिभा की पहचान कर उन्हें निखारते हैं और जीवन जीने का सही तरीका सिखाते हैं। चरित्र निर्माण करने के साथ ही नैतिकता का बीजारोपण करते हैं। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान-2020 समारोह में संबोधित करते हुए कही।

इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने सभी सम्मानित होने वाले शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कोरोना काल में दिवंगत शिक्षकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार 2020 हेतु चयनित तीन शिक्षकों और राज्य शिक्षक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित 47 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह के वर्चुअल आयोजन में बालोद जिले के दो शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया गया।

कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने संयुक्त जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष में शिक्षक श्री लेखराम साहू व्याख्याता शासकीय हाईस्कूल जमरूवा एवं श्रीमती कमला वर्मा व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला हर्राठेमा को शाल, श्रीफल एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप 21 हजार रूपए का चेक भी प्रदान किया गया। कलेक्टर ने दोनों शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएॅ दी। इस अवसर पर प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती असीमा चटर्जी उपस्थित थी।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक हमारे मार्गदर्शक और हमारे व्यक्तित्व के निर्माता होते हैं। वे जलते हुए दीपक की तरह स्वयं जलकर, हमारी जिंदगियों में उजाला भरते हैं। वे न केवल हमें ज्ञान की रोशनी देते हैं बल्कि सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौसला भी देते हैं, क्योंकि शिक्षक अपना पूरा जीवन, इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए समर्पित कर देते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब हम पर कोई भी विपदा आई है, शिक्षकों ने कभी हिम्मत नहीं हारी। पिछले डेढ़ वर्ष से पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा हैं, परंतु शिक्षकों ने इस नए मोर्चे पर भी ऑनलाइन शिक्षण के जरिए पूरी काबिलियत और मेहनत के साथ शिक्षा के मुहिम को जारी रखा। चाहे मोहल्ला क्लासरूम हो या पढ़ई तुंहर द्वार, ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों ने पूरे उत्साह और समर्पण के साथ शिक्षण की निरंतरता में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि समाज में शिक्षक समुदाय को हमेशा उच्च स्थान दिया गया है। हमारे ’गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ में अपनी परम्पराओं का सम्मान और शिक्षा का सर्वोच्च स्थान है। शिक्षा लोक कल्याण का सबसे बड़ा माध्यम बने यही हमारा प्रयास है। अध्यापन का पेशा अनादि काल से मौजूद है। पुराने समय में शिक्षण की गुरूकुल प्रथा थी, जहां कई वर्षों तक छात्रों को शिक्षण प्रशिक्षण दिया जाता था। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्वर्गीय डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महान शिक्षक हम सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रथम शिक्षा हमें अपने घर से मिलती है, अनुभव और गलतियां हमारे सबसे बड़े शिक्षक हैं। वे हमें सिखाते हैं कि कैसे परिस्थितियों को संभालना है। महान शिक्षक भारत रत्न डॉ.राधाकृष्णन जी का मानना था कि शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें। भारत की वर्तमान शिक्षा पद्धति विविध विषयों और प्रौद्योगिकियों के बारे में हमारे ज्ञान के विस्तार को बढ़ाती हैं। यह हमें हमारी संस्कृति और नैतिकता के बारे में जानने में मदद करती हैं।

मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के विषम काल में शिक्षा की बागडोर थामे रखने के लिए शिक्षक साथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने फ्रन्ट लाइन वारियर का भी काम किया है।

प्रेमसाय टेकाम शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शिक्षक सम्मान के अवसर पर देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि एक बालक के जन्म से लेकर उसके सम्पूर्ण जीवन काल में गुरू का उच्च स्थान है। गुरू हमें आने वाली कठिनाईयों से बचने और लड़ने की तैयारी कराते हैं। वर्तमान कोरोना कालखंड में जिस तरह से शिक्षकों ने अपनी भूमिका निभाई है वह ऐतिहासिक है। शिक्षकों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन पढ़ाई, मोहल्ला क्लास, पढ़ाई तुंहर दुआर जैसे नवाचार के माध्यम से लाखों बच्चों में अध्ययन-अध्यापन की अलख जगाए रखी।

आज के दौर में मूल्य आधारित शिक्षा हमारी आवश्यकता बन गई है। डॉ.टेकाम ने शिक्षकों से आव्हान किया कि सभी छात्र-छात्राओं को ऐसी शिक्षा प्रदान करें, जिससे उनमें जीवन मूल्यों का विकास हो सके।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा कार्यक्रम में वर्ष 2020 में राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार के लिए चयनित 54 शिक्षकों के नामों की घोषणा की गई। समारोह में कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह और राज्यपाल के सचिव श्री अमृत खलको उपस्थित थे। पुरस्कृत शिक्षक अपने-अपने जिलों से कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे।

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