राहुल ठाकुर गरियाबंद @ जिले के अमलीपदर तहसील क्षेत्र में संचालित अवैध क्लिनिको पर दबिश देने जिला से टीम आई थी, टीम ने दिनभर में केवल 3 क्लिनिकों पर दबिश दे पाई, होम्योपैथी डिग्री धारी शख्स द्वारा सुपर स्पेशलिटी क्लिनिक खोला गया था, तो एक ने अपने मेडिकल को चलाने मरीजों का उपचार करने की दुकान भी खोल लिया था।
हैरानी तो तब हुई जब सरनाबहाल में एक शिक्षक इलाज करने का सारा सामान अपने घर में रखा हुआ था, यहां बगैर वैधानिक पंजीयन के उपचार करने और दवा देने के कई प्रमाण मिले, लेकिन टीम केवल नोटिस थमा कर लौट आई, इस इलाके में 30 से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर्स सक्रिय हैं, जिनको टीम आने की भनक लगते ही ताला लटका भाग निकले।
दरअसल अमलीपदर इलाके में सक्रिय संजू मंडल नाम का शख्स के इलाज से पेंड्रा के आदिवासी युवक पुरुषोत्तम ध्रुव की मौत हो गई थी, 26 अगस्त को गरियाबंद सिटी कोतवाली पुलिस ने संजू और उसके साथी बंटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है, इस घटना के बाद ही टीम को छापामार कार्यवाही करने भेजा गया था, पर टीम ने कई प्रमाणों के बावजूद अवैध क्लिनिको को सील करने या लगाने के बजाए नोटिस थमा कर लौट आई है, टीम के इस नोटिस थमाने वाले रवैए से कार्यवाही पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

