विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी बाहुल्य विकासखंड डौंडी में नहीं हुआ कोई कार्यक्रम, जिला प्रशासन के खिलाफ आदिवासी समुदाय में नाराजगी 

अजय अग्रवाल डौंडी/ आज 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर बालोद जिला के एक मात्र आदिवासी बाहुल्य विकासखंड डौंडी में किसी भी प्रकार का कोई कार्यक्रम आयोजित नही किए जाने को लेकर आदिवासी समुदाय में जिला प्रशासन के खिलाफ नाराजगी देखी जा रही है।

क्षेत्रीय विधायिका अनिला भेड़िया से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में प्रदेश के मुखिया रहे भूपेश बघेल के दिशा निर्देशों पर विश्व आदिवासी दिवस पर हर वर्ष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था, पिछले वर्ष भी डौंडी के एकलव्य स्कूल में जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम करवाया गया था, किंतु भाजपा द्वारा आदिवासी समुदाय से विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री तो बनाया गया है लेकिन वो एक रबर स्टांप से अधिक कुछ भी नही है। जिस समुदाय से वे आते है आज उसी समाज का विश्व स्तरीय दिवस है और आदिवासी ब्लॉक में कोई कार्यक्रम का आयोजन नही करना समझ से परे है। जिला प्रशासन भी पूरी तरह निष्क्रिय हो चुका है, बालोद जिले में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, अपराधी बेलगाम हो गए है, अपराध का ग्राफ बढ़ गया है और अब मेरे क्षेत्र में नक्सलियों की आवाजाही भी शुरू हो गई है, इससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार अपनी दिशा भटक चुकी है।

ब्लॉक के सर्व आदिवासी समाज के महासचिव सुन्हेर कोसमा का कहना कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है जो इस वर्ष ब्लॉक में कोई कार्यक्रम आयोजित नही किया गया, ये जिला प्रशासन की लापरवाही और नाकामी को दर्शाता है और हम आदिवासियों की अनदेखी है, जिसकी पूरा ब्लॉक घोर निन्दा करता है।

सर्व आदिवासी समाज की जिला युवा प्रवक्ता नीलिमा श्याम ने कहा कि हमारे समाज के साथ हमेशा से ही अन्याय होता आ रहा है। देश, प्रदेश सहित जिले को आगे बढ़ाने में हम आदिवासियों की अहम भूमिका रही है। हमारे ब्लॉक के जल, जंगल और जमीन का दोहन कर जिला प्रशासन करोड़ों रुपए रॉयल्टी के नाम पर लेता है और बदले में हमारे डौंडी क्षेत्र की आमजनता को सड़क, पानी, बिजली और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसाया जाता है। जिला प्रशासन के पास करोड़ों रुपए दूसरे जिले को देने के लिए है लेकिन आदिवासी दिवस के कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए इनके पास राशि की कमी हो जाती है। मैं इसकी कड़ी निन्दा करती हूं।

वहीं इस गंभीर मामले को लेकर जब जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल, अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक और सीईओ जिला पंचायत संजय कन्नोजे को फोन किया गया तो किसी ने भी फोन उठाना जरूरी नहीं समझा।

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