भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति द्रोपती मुर्मू को लिखा पत्र, प्रदेश सरकार पर गभीर आरोप लगा, बैगा-जनजाति सामाज के लोगों की मौत पर उठाए सवाल

छत्तीसगढ़ में बैगा-जनजाति के 5 लोगों की मौत:भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति मुर्मू को लिखा पत्र, कहा छत्तीसगढ़ सरकार मामले को दबा रही, खतरे में  बैगा जनजाति, ऐसे में और ज्यादा तकलीफ होती है जब राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी है, ये तो गम्भीर मामला है

रघुनंदन पंडा दुर्ग/ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। छत्तीसगढ़ के क्वर्धा जिला में डायरिया और मलेरिया से बैगा जनजाति के 5 लोगों की मौत की जानकारी देते हुए लिखा बैगा जनजाति के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है।छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार मामले को दबाने और आंकड़े छिपाने में लगे हैं। बड़े आहत मन से मैं आपको पत्र लिख छत्तीसगढ़ की संरक्षित अनुसूचित जन जाति, बैगा जनजाति जिन्हें महामहिम राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी कहा जाता है, जिनको भारत के राष्ट्रपति ने विशेष संरक्षण प्रदान किया गया है। छत्तीसगढ़ में इस बैगा जनजाति की दुर्दशा पर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं।  चिंता का विषय है कि राज्य के कवर्धा जिले में बैगा जनजाति मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों की चपेट में है, जिसके कारण सोनवाही गांव, ग्राम पंचायत-झलमला, पोस्ट-चिल्फी, तहसील-बोडला में 5 लोगों की मौत भी हो गई है। इसके अलावा ग्राम-बाहना खोदरा और पास के गांवों में भी कुछ लोगों की मौत की खबरें सामने आई है। राज्य सरकार पीड़ितों के बचाव और इलाज करवाने के बजाय मामले को दबाने और मौतों को नकारने में लगी है।

बैगा जनजाति पर मंडरा रहा खतरा- बघेल

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़  सरकार की असफलताओं के कारण बैगा संरक्षित जनजाति के जीवन के ऊपर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। बघेल ने कहा कि वह स्वय प्रभावित क्षेत्रों में 13 जुलाई को गए थे, वहां मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को मच्छरदानी तक  छत्तीसगढ़  सरकार उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। लोग कुएं का दूषित पानी पी रहे हैं, जिससे क्षेत्र में डायरिया फैला हुआ है।
कुएं के पानी का वाटर ट्रीटमेंट भी सरकार नहीं करवा रही है। गांव के लोगों से बातचीत करने पर पता चला की वहां पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दिया जाने वाली राशन सामग्री का भी वितरण नहीं किया जा रहा है। क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में चिकित्सकों की पदस्थापना नहीं है, दवाइयों का आभाव है। समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं है।

देखिये कवर्धा में हमारे बैगा जनजाति  के लोग है जो राष्ट्रपति के दतक पुत्र कहलाते है, तो वो उल्टी दस्त से लोगों की मौत हो रही है, मलेरिया से लोग पीड़ित है। राज्य सरकार आकड़े छुपाने में लगी हुई  है , राज्य सरकार कह रही है दो  लोगों की मौत  हुई है जबकि मै खुद गया था 05  से अधिक लोग की मौत हुई है। आसपास के गाव में और  शिकायत मिल रही है  , जबकि प्रारम्भिक व्यवस्था सरकार ने नहीं किया, यदि डॉक्टर व दवाई समय पर मिल जाता तो इतने लोगों की मौत नहीं होती। ये तो बहुत ही दर्दनाक स्थिति है एक नवजात शिशु है उसकी माँ की मौत हो गई है  बच्चा है बाप के गोद में है,  लेकिन डॉक्टर कोई ईलाज नहीं कर रहे है उसी हालात में छोड़ दिये है। बैगा जो जन जाति है उसके साथ राज्य सरकार इस प्रकार से उपेक्षा पूर्ण व्यवहार  बेहद निदनीय है, ऐसे में और ज्यादा तकलीफ होती है जब राज्य का मुख्य मंत्री आदिवासी है, ये तो गम्भीर मामला है। राज्य सरकार के ध्यान नही देने के कारण मुझे आपको पत्र लिखना पड़ा।

उनकी स्वास्थ्य से लापरवाही चलते लगातार जनसख्या कम होती जा रही है राज्य सरकार की लापरवाही है वहा मच्छर दानी नही मिल रहा है वहा गन्दा पानी पीने को मजबूर है, हैंड पम्प बिगडा है सुधार नही हुआ है कुआ का पानी पी रहे है तो डिडमेंट नही हुआ है इसलिए मौते हुई है।

Nbcindia24