राहुल ठाकुर गरियाबंद: जिले से ओडिशा सीमा को जोड़ने वाली गोना गरीबा में बनी प्रधानमंत्री सड़क निर्माण के साल भर भीतर ही जर्जर हो गई है। सड़कों से डामर उखड़ गए हैं और गड्ढे बन गए हैं, जिससे बारिश में आवाजाही करना मुश्किल हो गया है। ठेकेदारों ने मरम्मत के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं, और अब विभाग हाइट बेरियर लगाकर भारी वाहनों को रोकने का प्रयास कर रही है।
समस्या की जड़
ग्रामीण सड़कों की अधिकतम भार क्षमता 15 टन है, लेकिन ओडिशा सीमा से लगे कारोबारी 35 से 40 टन क्षमता वाले मालवाहकों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे सड़कें जल्दी खराब हो रही हैं। ओडिशा के रायघर शहर के कारोबारी मक्का और सीमेंट का आदान-प्रदान रायपुर और महासमुंद से करने के लिए इन सड़कों का इस्तेमाल करते हैं।
विभाग की कार्रवाई
विभाग अब हाइट बेरियर लगाकर भारी वाहनों को रोकने का प्रयास कर रही है, ताकि सड़कों की मरम्मत की जा सके और आगे नुकसान न हो। हालांकि, यह देखना होगा कि क्या यह कदम समस्या का स्थायी समाधान होगा या नहीं।
गरियाबंद जिले में कई सड़कें ऐसी हैं जो समय से पहले खराब हो जाती हैं। कुछ मामलों में, सड़क निर्माण में देरी या अनियमितता भी इसकी वजह हो सकती है, जैसा कि आमामोरा और ओड़ बस्तियों को जोड़ने वाली सड़क के मामले में देखा गया है। इस सड़क का निर्माण 2008 में मंजूर हुआ था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया है।
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