राहुल ठाकुर गरियाबंद @ फिंगेश्वर जनपद के लफंदी ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है।ग्राम पंचायत की रोजगार सहायिका दिलेश्वरी साहू पर मनरेगा मस्टररोल में फर्जीवाड़ा कर हितग्राहियों के पैसे गबन करने का आरोप है, सरकार की मंशा है, कि हर ग्रामीण को अपना पक्का मकान मिले, लेकिन लफंदी पंचायत में यह मंशा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
गौरतलब है कि यहां की रोजगार सहायिका ने हितग्राहियों के नाम पर जारी मस्टररोल में फर्जी नाम जोड़कर पैसे निकाल लिए, और अपने करीबियों को इसका फायदा दिलाया। यहां तक कि अपने पति और पिता के नाम मस्टररोल में जोड़कर हितग्राहियों को मिलने वाले राशि को उनके खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में सरकार 1 लाख 30 हजार नकद और मनरेगा से 25 हजार की मजदूरी देती है, रोजगार सहायिका द्वारा मनरेगा के तहत मिलने वाले राशि का हेर फेर किया, पंचायत में जिन हितग्राहियों को ये पैसा मिलना था, उनकी जगह बाहरी और सहायिका के करीबियों के नाम मस्टररोल में दर्ज कर दिए गए, जब हितग्राहियों ने मस्टररोल ऑनलाइन निकाला तो गड़बड़ी का खुलासा हुआ।
ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर के आदेश में जांच कमिटी गठित की गई, जांच टीम ने हितग्राहियों के बयान दर्ज किए मगर अबतक दोषी रोजगार सहायिका पर कोई कठोर कार्यवाही नहीं की गई है, उल्टे लफदी पंचायत से रोजगार सहायिका को हटाकर उसे जनपद पंचायत फिंगेश्वर में अटैच कर दिया गया, अब जनपद पंचायत सीईओ जांच खत्म होने की बात कह रहे मगर किस तरह की कार्यवाही रोजगार सहायिका पर होगी ये अभी भी स्पष्ट नहीं है, बहरहाल देखना होगा पीएम आवास में स्कैम करने वाली महिला रोजगार सहायिका पर कार्यवाही होती है, या अधिकारियों के संरक्षण के चलते मामला रफा दफा कर दिया जाएगा, ये तो आने वाला वक्त बताएगा, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण हितग्राही अब रोजगार सहायिका पर कार्यवाही नहीं होने की सूरत में धरना प्रदर्शन करने की बात कह रहे है।
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