गरियाबंद @ जिले के देवभोग में जाली अंक सूची से आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती के मामले में अंक सूची जारी करने वाले प्रधान पाठक जोगेंद्र कश्यप को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं, यह कार्यवाही एसडीएम के जांच प्रतिवेदन के आधार पर हुई, लेकिन एसडीएम के जांच में जाली अंक सूची को बैक डेट में आवेदन में संलग्न व काट छांट वाले आवेदन स्वीकार करने वाले देवभोग परियोजना अधिकारी के अलावा अंक सूची को सत्यापन करने वाले बीईओ की भूमिका का जिक्र तक नहीं किया गया है,
हैरानी की बात है, कि जिस महिला बाल विकास विभाग व शिक्षा विभाग की संलिप्तता थी, उसी विभाग के ब्लॉक अफसरों को जांच में शामिल कर गड़बड़ी का सारा ठिकरा प्रधान पाठक पर फोड़ दिया गया, प्रधान पाठक का आरोप है, कि पक्ष सुने बगैर एकतरफा कार्यवाही किया गया है, जबकि अंक सूची जारी करने से पहले रिकॉर्ड रजिस्टर में लीपापोती बीईओ के दफ्तर में हुआ है, हालाकि बीईओ ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है, लेकिन जांच टिम की लीड करने वाले एसडीएम अधूरी जांच के सवाल पर पर्याप्त जांच होने की बात कह अब भी मामले की सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश में लगे हुए हैं।
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