नक्सलवाद के खिलाफ सरकार सख्त – तीन महीने में 40 ढेर, बस्तर में टीसीओसी में माओवाद संगठन को मात

सुरक्षा बलो ने 1 जनवरी से 6 अप्रैल तक इनामी सहित 40 ढेर, 98 गिरफ्तार , 30 आत्मसमर्पण, इलाके में जारी है सर्च ऑपरेशन ,पुजारी कांकेर में ग्रे हाउंड को मिली सफलता 25 लाख का इनामी नक्सली ढेर 

 

दंतेश्वर कुमार ( चिंटू )बीजापुर / सत्ता परिवर्तन के बाद नक्सलियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को मिल रही सफलता , प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद लगातार नक्सलियों के साथ जंग जारी है.

 

बीजापुर के सीमावर्ती इलाके में भी सुरक्षा बलो के साथ नक्सलियों के कई मुठभेड़. बीजापुर के बासगुड़ा , भैरमगढ़, गंगालूर , कुटरू और उसूर इलाके में बड़ा सर्च ऑपरेशन .कई इलाकों में घंटो चली मुठभेड़ में कई इनामी नक्सली कमांडर और सदस्य हुए ढेर . डीआरजी, एसटीएफ, बस्तर फाइटर्स, महिला कमांडो, सीआरपीएफ, कोबरा, सीएएफ, के सुरक्षा बलो का बस्तर में लगातार सर्च ऑपरेशन जारी है

 

जिसमे अलग अलग इलाकों के जंगलों में नक्सलियों से मुठभेड़ हुई. मुठभेड़ में अब तक पच्चास लाख से अधिक इनामी नक्सलियों को ढेर किया गया है. 

 

घंटो मुठभेड़ में सर्चिंग के दौरान आधुनिक हथियार और दैनिक उपयोगी सामग्री बरामद

 

बीजापुर में अब तक जिन इलाकों में भी सुरक्षा बलो के साथ मुठभेड़ हुई उसमे नक्सलियों के ऑटोमैटिक हथियार जैसे इंसास एलएमजी , एके 47, 303, 12 बोर बीजीएल लॉन्चर जैसे हथियार बरामद किया गया.

 

इतना ही नहीं भैरमगढ़ और दंतेवाड़ा के सीमा में नक्सलियों द्वारा बनाए गए उनके सुरंग को भी एंटी नक्सल ऑपरेशन में निकले जवानों ने किया ध्वस्त किया . हाल ही इस 2 अप्रैल से 7 अप्रैल पहले हफ्ते में गंगालूर के कोरचोली- नेंड्रा और पुजारी कांकेर के कारीगुट्टा में इंसास एलएमजी और नक्सल साहित्य बरामद होने से सुरक्षा बलो ने नक्सल संगठन को भारी नुकसान हुआ .

 

 

नक्सलियों ने 30 मार्च को बीजापुर और 3 अप्रैल को सुकमा बीजापुर बुलाया था बंद

 

नक्सल हमले में नक्सली सदस्यों के ढेर किया उसके बाद नक्सलियों ने पर्चा जारी कर सुकमा और बीजापुर बंद का आह्वाहन किया . नक्सलियों ने सुरक्षा बलो पर ग्रामीणों पर भी नक्सली बता कर हत्या करने का आरोप लगाया है. जिसमे पश्चिम बस्तर डिविजन और दक्षिण बस्तर डिविजन ने पर्चा जारी कर सुरक्षा बलो पर पंद्रह आम ग्रामीणों की हत्या का आरोप लगाया .

 

वहीं पुलिस जवानों ने प्रेस नोट में बताया की नक्सलियों ने भी एक जनवरी से अब तक सात ग्रामीणों की हत्या की हे. नही दिखा बंद का असर शहरी इलाकों में , ग्रामीण इलाको में सुरक्षा बलो के सर्चिंग गस्त बढाई गई, ताकि माओवाद संगठन किसी घटना को अंजाम न दे सकें.

 

बीजापुर में 30 मार्च को नक्सल बंद में बड़ा असर देखने मिला मिली जानकारी के अनुसार 25 मार्च को बीजापुर नगरटीवी के भीतरी अटल आवास इलाके में डीआरजी जवान पर फायरिंग करने से इलाके में खौंफ का माहौल था. जिसके बाद मुख्य आरोपी को सप्ताह भर के भीतर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

 

नक्सल संगठन घटना के बाद अक्सर पर्चा जारी कर जिम्मेदारी लेते हैं देखा गया हे की भाजपा नेताओं की हत्या हो या आम ग्रामीणों को मुखबिरी के शक में हत्या करना नक्सल संगठन की ही भूमिका रही है. 

 

 

19 अप्रैल को बस्तर में होना है प्रथम चरण का चुनाव

 

एक और जहां भाजपा कि सरकार माओवाद संगठन से बात चीत वार्ता के लिए तैयार हैं वहीं शांति व्यवस्था विकास , निर्माण और मूलभूत बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करने शासन प्रशासन अपने स्तर से तैयार बैठे हैं.

 

दूसरी ओर माओवाद संगठन कहता है कि बस्तर में अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा बलो के कैंप स्थापना के बाद फर्जी मुठभेड़ बढ़ रहे हैं , आम ग्रामीणों के साथ मारपीट , फर्जी गिरफ्तारियां बढ़ रही हैं . आगामी लोक सभा चुनाव के समय माओवाद संगठन घटनाओ के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं।

 

मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार बीजापुर की बात करें तो 2014 लोक सभा चुनाव में माओवादियों ने कुटरू से लौट रहे चुनाव दल के यात्री बस को अपना निशाना बनाया, उसके बाद 2019 में बीजापुर घाट में चुनाव संपन्न करके लौट रहे सुरक्षा बल के वाहन को विस्फोट में उड़ाया. माओवाद संगठन अकसर टीसीओसी के दौरान लोक सभा और विधान सभा चुनाव का बहिष्कार करते हैं.

 

बस्तर में अब तक लाल गढ़ इलाको में मतदान का प्रतिशत कभी बढ़ने नही दिया. सरकार इसे सबसे बड़ी चुनौती मानती है, क्यों की आज भी माओवाद विचारधारा के चलते अंदरूनी इलाके में निडर होकर मतदान करने से मतदाता भयभीत होते हैं. मतदान के दौरान माओवाद संगठन के लिए सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा बलो के सामने .

Nbcindia24

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