सांसद ने दिया था आश्वासन नहीं मिली मदद, चंदे के पैसे से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुँच गरीब बेटी ने देश के नाम किया सिल्वर मेडल।

कहते हैं कि आपके पास जज्बा और हुनर हो तो आपकी गरीबी कभी भी आपके सपने पर रोड़ा उत्पन्न नहीं कर सकता। यह पंक्ति बालोद जिले के आदिवासी विकास खंड डौंडी के एक छोटे से गांव में रहने वाली 23 वर्षीय राधिका हिड़को पर चरितार्थ होती है।

जो संसाधनों के अभाव के बावजूद अपनी मेहनत और काबिलियत के बलबूते इंटरनेशनल कराटे प्रतियोगिता में भारत को सिल्वर मेडल दिला अपनी पहचान इंटरनेशनल लेवल पर बना अपने व अपने माता-पिता के साथ-साथ गांव जिला प्रदेश और देश का नाम रोशन की है।

विशाखापट्टनम के स्वर्णाभारती इंदौर स्टेडियम में दो दिवसीय 5 वीं इंटरनेशनल कराते प्रतियोगिता हुई, जिसमे 9 देश के खिलाड़ी हिस्सा लेने वाले थे और 7 देश के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। पहले स्थान पर बंगला देश रहा।

इससे पहले राधिका दो बार नेशनल कराटे चैंपियनशिप में भाग ले चुकी है 2021 रायपुर में आयोजित नेशनल कराटे चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, तो वही तमिलनाडु में 2019-20 में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल कर चुकी है।

राधिका हिड़को बालोद जिले के अंतिम छोर डौंडी विकासखंड स्थित एक छोटासा गांव पुसावड़ की रहने वाली है जो बहुत ही गरीब परिवार से आती है बावजूद इसके अपनी गरीबी को पीछे छोड़ कठिन परिश्रम और मेहनत के बलबूते इस मुकाम को हासिल की है।

राधिका कराटे के साथ-साथ कबड्डी में भी विशेव रुचि रखती है जो रोजाना गांव के बालक-बालिकाओं को कराटे की प्रैक्टिस करा आत्मरक्षा की गुण सिखाती है।

 

छोटे से गांव की बेटी की मिली उपलब्धि पर क्षेत्र में खुशी की लहर है और उनके जल्द आने का इंतजार कर रहे हैं ताकि पूरे उत्साह के साथ उनका स्वागत कर सके।

 

जिले में अनेकों ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें सही मार्गदर्शक नहीं मिल पाता या फिर गरीबी उड़ान के आगे रोड़ा बन जाता है शासन-प्रशासन से भी ऐसे खिलाड़ियों को कोई खास सहयोग नहीं मिल पाता जिसके चलते वे अपने प्रतिभा को सामने नहीं ला पाते।

विडंबना:- कह गए नेताजी…?

देखें सांसद जी ने क्या कहा…?

सांसद मोहन मंडावी द्वारा गरीब बेटी की मदद का मिला था आश्वासन, नहीं मिली मदद, चंदे की पैसों से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने गई गरीब बेटी ने देश के नाम किया सिल्वर मेडल

राधिका हिड़को के प्रतियोगिता में हिस्सा लेने विशाखापटनम जाने से पहले उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में मीडिया द्वारा कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी को जानकारी दें आर्थिक मदद के लिए सवाल किया गया था तो सांसद ने अपने बगल में बैठे दल्ली राजहरा bsp माइन्स के जीएम तपन सूत्रधार को ध्यान देने की बात करते हुए प्रस्ताव बना कलेक्टर को भेज चर्चाकर व डीएमएफ फंड से मदद कराने का आश्वासन दिया था लेकिन सांसद जी की बात रात गई बात गई साबित हो गया और छोटे से गांव के गरीब बेटी ने चंदे से मिले सहयोग के पैसे से विशाखापट्टनम खेलने पहुंच देश के नाम किया सिल्वर मेडल।

 

 

 

 

Nbcindia24

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