Nbcindia24/वीरेन्द्र भारद्वाज/दल्लीराजहरा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की हर बोतल पर अवैध रूप से धन एकत्रित किया गया और रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा दो हजार करोड़ रुपये के अभूतपूर्व भ्रष्टाचार और धनशोधन के सबूत एकत्रित किये गए हैं। मामले पर राज्य में विपक्ष मुखर होती नजर आ रही है। राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेंद्र माहला ने कहा कि राज्य में शराब इतने बड़े मात्रा में शराब घोटाला राज्य सरकार के संरक्षण के बिना नही किया जा सकता, दो हजार करोड़ का यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। आखिर इस घोटाले का अवैध पैसा किनके जेब मे गया है ईडी द्वारा यह भी जांच की जा रही है। राज्य की सत्ता में बैठे लोग आज राज्य को ए.टी.एम. की तरह दुरुपयोग कर रहे हैं, यहां का पैसा कहां भेजा जा रहा है एक एक नागरिक जानता है, अनवर ढेबर कौन है और किनके लिए कार्य करता है यह भी सभी जानते हैं। अनवर ढेबर तो केवल एक मोहरा है इसके पीछे कौन हैं और किनके संरक्षण में यह कार्य कर रहा था इसका भी जल्द ईडी द्वारा पर्दाफास किया जाएगा। ईडी के मुताबिक इस पूरे अवैध धन संग्रह के लिए अनवर ढेबर जिम्मेदार थे, लेकिन वह इस घोटाले के अंतिम लाभार्थी नहीं हैं, यह बात भी सामने आयी कि एकत्रित राशि का कुछ हिस्सा अपने पास रखकर शेष राशि अपने राजनीतिक आकाओं को दे दिया करते थे। प्रवर्तन निदेशालय ने आयकर विभाग की ओर से टुटेजा और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दायर आरोपपत्र के आधार पर धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएएल) के तहत मामले की जांच के लिए पिछले साल एक मामला दर्ज किया था। ईडी ने आरोप लगाया कि अनवर इस सिंडिकेट के मुख्य संग्रह एजेंट हैं। अनवर की ओर से टुटेजा को 14.41 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए जाने के डिजिटल साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। एजेंसी के आवेदन में कहा गया है कि सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री से तीन अलग-अलग तरीके से अवैध धन एकत्र किया। आगे डॉ माहला ने कहा कि राज्य की सत्ता के करीबी ऐसे और भी बहुत से लोग हैं जो अलग अलग विभागों में भ्रष्टाचार कर अवैध धन उगाही व बटोर कर अपने राजनीतिक आकाओं तक पहुंचाने का कार्य करते हैं, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा आगे भी ऐसे अनेकों नाम का खुलासा किया जाएगा। आज यह शराब घोटाला देखने को मिल रहा है ऐसे ही अनेकों बड़े बड़े विभागों से भ्रष्टाचार के और भी मामले सामने आ सकते हैं। इससे पहले भी खनिज विभाग के घोटाले सामने आए जिसमे कई लोगों की गिरफ्तारी हुई। शराब घोटाले में ऐसे ही और नाम आने की संभावनाएं हैं।
राज्य सरकार के संरक्षण में हुआ है दो हजार करोड़ का शराब घोटाला – डॉ देवेंद्र माहला।
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