जान जोखिम में डाल ग्रामीण उफनती नदी पार करने को मजबूर

ग्रामीण जान जोखिम में डालकर उफनती नदीं को करते है पार, शासन-प्रशासन की पहुंच से दूर है यह इलाका

बारिश के दिनों इस इलाके लोगों को होती है दिक्कत, स्कूल हो जाता है के दिनों के लिए बंद, ऐसे स्थिति स्वस्थ्य बिगड़ी तो नदी का पानी कम होने का करना पड़ता है इंतजार।

प्रदेश में सरकार बदलते ही स्वीकृत पुल हुआ निरस्त।

धर्मेंद्र सिंगसु सुकमा। जिले के ग्राम पंचायत पोगाभेज्जी एवं सिरसट्टी इलाके दो दर्जन गांव के ग्रामीण पुल के अभाव में उफते नदी को पार करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, उसके बाद भी शासन प्रशासन इस इलाके में पुल निर्माण को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछली सरकार के द्वारा पुल निर्माण करने की स्वीकृति की थी, लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते ही पुल निर्माण का कार्य को निरस्त कर दिया गया है। हमारी समस्याओं को सभी नजर – अंदाज करते हैं जिसकी वजह से पुल निर्माण नहीं हो पा रहा है।

सुकमा जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर केरलापाल क्षेत्र के पोगाभेज्जी व सिरसट्टी पंचायत है। इन पंचायतों को
एनएच 30 केरलापाल से जोड़ती है। ग्रामीण ने बताया कि सरकारी राशन व हाटबाजार से अपनी दैनिक जरूरतों के
सामनों की खरीदी के लिए केरलापाल आना पड़ता है। लेकिन यहां तक पहुंचा भी चुनौति भरा काम है। नदी में दो जगह पर पुल का निर्माण की आवश्यकता है। पुल निर्माण नहीं होने से इस क्षेत्र में वाहनें नहीं चलती हैं।
वहीं केरलापाल से दो किमी तक ही पक्की सड़क हैं उसके बाद भी इन दोनों पंचायत के लिए जाने वाली सड़क बदहाल है। रबडीपारा के पास नाला पार करते ही आगे के लिए पगडंडी नुमा सड़क है। बुनियादी सुविधाओं के अभाव के बीच यहां के ग्रामीण वनोपज के साहरे जीवन यापन कर रहे है। जिले के अंदरूनी क्षेत्र में आज भी ग्रामीण आज भी दसवीं सदी जैसे स्थित में जीवन यापन करने के लिए मजबूर है। इन पंचायतों में आज भी ग्रामीणों को चलने के लिए सही से सड़क भी नहीं है। बिजली, पेयजल, शिक्षक, स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के बीच ग्रामीण रहने के लिए मजबूर है।

गुंडी के सहारे हो रहे हैं नदी पर

ग्राम पंचायत पोगाभेज्जी एवं सिरसट्टी के ग्रामीण बारिश के होने से यह इलाका पूरी तरह से कट जाता है, और बारिश के बीच लोगों को अगर गांव से बाहर जाना पड़ता है तो भी ग्रामीण को उफती नदी को गुंडी के सहारे पा करते हैं, गुंडी में अपने कपड़े एवं समान डाल देते हैं या फिर छोटे बच्चे साथ होते हैं तो बच्चों को गुंडी में बिठा दिया जाता है, और गुंडी के दोनों किनारो को पड़कर तेज नदी की धार को पार कर दूसरी और पहुंचे हैं, इसके बाद भी अपनी दैनिक जरूरत के सामानों को लेने के लिए नदी पार कर केरलापाल व जिला मुख्यालय सुकमा जाते है।

बारिश में दोनो पंचायत टापू में तब्दील स्कूल भी होते है बंद

पोगाभेज्जी व सिरसट्टी ग्राम पंचायत बारिश के दिनों में टापू में तब्दील हो जाते हैं। यहां के लोगों को रोजमर्रा के चीजों के लिए भी कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है, ऐसी परिस्थितियों के बीच अगर कोई छोटी-मोटी चीज की जरूरत पड़ी तो लोगों को उफनी नदी पार कर केरलापाल जाना पड़ता है। साथ इस इलाके के नदी पर कर लगने वाले स्कूल भी बारिस में कई दिनों तक बंद रहते है, नदी में बाढ़ आने की वजह से शिक्षक भी नहीं पहुंच पाते हैं क्योंकि अधिकांश शिक्षक सुकमा से ही जाकर स्कूल जाते हैं।

स्वीकृत पुल का निर्माण हुआ निरस्त।

आजादी के 76 वर्ष बाद पुल निर्माण का कार्य स्वीकृत हुआ था लेकिन पुल निर्माण का काम शुरू भी नहीं हो पाया प्रदेश में सरकार बदलते ही पुल निर्माण के निविदा कार्य को तत्काल निरस्त कर दिया। जिसकी वजह से यहां से ग्रामीणों की समस्या का समाधान होने की जगह और उलझ गई। क्योंकि बड़ी मुश्किलें से पुल स्वीकृत हुआ था। स्वीकृत पुल के निरस्त होने से आप यहां के ग्रामीणों में आक्रोश है।

सिरसट्टी उपसरपंच पोडियामी बुधरा ने बताया कि बारिश के तीन माह हम लोगों को बहुत अधिक दिक्कते होती है। हॉट बाजार और अन्य कामकाज के लिए बारिश के दौरान भी हम लोग उफ़नती नदी को मजबूरी में पार जाना पड़ता है। पिछली सरकार ने पुल स्वीकृति कर दी थी लेकिन प्रदेश में सरकार बदलते हैं पूल बनाने का कार्य को निरस्त कर दिया है।

विधायक कवासी लखमा ने कहां कि प्रदेश में जब हमारी सरकार थी तो इस क्षेत्र की ग्रामीणों को समस्या को देखते हुए पुल स्वीकृत किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही स्वीकृत पुल को निरस्त कर दिया है। भाजपा सरकार विकास विरोधी है।

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